Thursday, Sep 18, 2025

Chandigarh News: नगर निगम करेगा शहर की स्ट्रीट लाइटिंग का आधुनिकीकरण, बदली जाएंगी 45 हजार एलईडी स्ट्रीट लाइट्स


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चंडीगढ़: नगर निगम शहर में स्ट्रीट लाइट्स के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा। नगर निगम ने शहर की सड़कों पर स्ट्रीट लाइट्स के आधुनिकीकरण के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की है। इस परियोजना का उद्देश्य ऊर्जा दक्षता बढ़ाना, परिचालन लागत कम करना और जन सुरक्षा को सुदृढ़ करना है। योजना के तहत निगम द्वारा शहर में लगाई गई लगभग 45,781 एलईडी स्ट्रीट लाइट्स और फ्लडलाइट्स तथा 681 सीसीएमएस (सेंट्रली कंट्रोल्ड मॉनिटरिंग सिस्टम) पैनलों के संचालन और रखरखाव के अलावा उन्हें चरणबद्ध तरीके से बदला जाएगा। इस संबंध में प्रस्ताव नगर निगम जनरल सदन की आगामी बैठक में रखा जाएगा। स्ट्रीट लाइटों का प्रबंधन कर रही कंपनी का अनुबंध काफी समय पहले समाप्त हो चुका है, जिसके चलते शहर की अधिकांश स्ट्रीट लाइटें फिलहाल खराब पड़ी हैं। हालांकि निगम के कर्मचारी फिलहाल स्ट्रीट लाइट्स का प्रबंधन कर रहे हैं, लेकिन वित्तीय संकट के चलते इनके रखरखाव में उन्हें लगातार कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। प्रस्ताव के अनुसार, यह परियोजना सात वर्षों की होगी, जिसे आवश्यकता पड़ने पर तीन वर्ष के लिए और बढ़ाया जा सकेगा। इसमें मौजूदा ढांचे को स्मार्ट लाइटिंग सिस्टम से बदलने की योजना है, जिसमें एडवांस्ड लाइटिंग कंट्रोल और मॉनिटरिंग सिस्टम शामिल होंगे, ताकि रियल-टाइम मॉनिटरिंग और प्रबंधन संभव हो सके।


परियोजना के प्रमुख उद्देश्य हैं—पुरानी लाइटों को अधिक ऊर्जा दक्ष एलईडी और स्मार्ट डिमिंग तकनीक से बदलकर ऊर्जा की बचत करना, डार्क स्पॉट्स को समाप्त करना और जीआईएस मैपिंग, क्यूआर/बारकोड टैगिंग व उचित अर्थिंग के जरिए सिस्टम को मजबूत बनाना। यह पहल भारत सरकार की सतत विकास और ऊर्जा दक्षता संबंधी प्रतिबद्धता के अनुरूप है, जिससे कार्बन फुटप्रिंट कम होगा और हरित तकनीकों को बढ़ावा मिलेगा। भुगतान प्रति बिंदु प्रति माह के आधार पर वार्षिक दर वृद्धि के साथ किया जाएगा, जिससे जवाबदेही सुनिश्चित होगी और प्रदर्शन को प्रोत्साहन मिलेगा। यह पहल चंडीगढ़ में एक टिकाऊ, किफायती और स्मार्ट सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था विकसित करने की दिशा में अहम कदम मानी जा रही है। चंडीगढ़ में पब्लिक लाइटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का आधुनिकीकरण वर्ष 2018-19 में शुरू हुआ था, जब परंपरागत स्ट्रीट लाइटों को ऊर्जा दक्ष एलईडी लाइटों से बदला गया और रियल-टाइम मॉनिटरिंग के लिए एलसीएमएस (लाइट कंट्रोल एंड मॉनिटरिंग सिस्टम) पैनल लगाए गए। इस शुरुआती चरण को एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) द्वारा पूरा किया गया था, जिसके तहत 45,781 एलईडी स्ट्रीट लाइटें और 681 सीसीएमएस पैनल लगाए गए। इसके साथ ही पाँच वर्षों का संचालन एवं रखरखाव (ओएंडएम) अनुबंध भी किया गया था। अब ईईएसएल का यह अनुबंध समाप्त हो चुका है। ऐसे में नगर निगम को स्ट्रीट लाइट व्यवस्था के रखरखाव में लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पुरानी हो चुकी एलईडी लाइटें और सीसीएमएस पैनल पर्याप्त रोशनी नहीं दे पा रहे हैं तथा इनके रखरखाव पर अधिक खर्च आ रहा है।


 


सड़कों और पार्कों में लगी 11 हजार स्ट्रीट लाइटें खराब

शहर की सड़कों और पार्कों में लगी करीब 11,000 स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं। इससे शहर के कई इलाकों में अंधेरा पसरा रहता है। शहर के सभी वार्डों में 200 से 300 लाइटें खराब पड़ी हैं। स्ट्रीट लाइटें खराब होने के मुद्दे को पार्षदों ने नगर निगम सदन में भी उठाया है। सदन में दावा किया गया कि लगभग 30 प्रतिशत लाइटें खराब हैं। हालांकि, नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार यह आंकड़ा 20% के करीब है। शहर में कुल 40,000 स्ट्रीट लाइटें सड़कों पर और 15,000 पार्कों में लगी हैं। 20 प्रतिशत के हिसाब से भी यह संख्या 11,000 से अधिक है। । बारिश के मौसम में यह समस्या और भी बढ़ गई है। नगर निगम के चीफ इंजीनियर संजय अरोड़ा ने सदन में पार्षदों को आश्वासन दिया था कि शहर में लगी ज्यादातर पुरानी लाइटों को पूरी तरह से बदलने की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले छह महीनों में सभी लाइटों को बदल दिया जाएगा। फिलहाल खराब पड़ी लाइटों को ठीक करने का काम अगले चार सप्ताह में शुरू किया जाएगा।

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Vinita Kohli

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