Thursday, Oct 2, 2025

साइबर पुलिस ने फर्जी जॉब रैकेट का किया भंडाफोड़, छह आरोपी गिरफ्तार, नौकरी के नाम पर वसूलते थे मोटी रकम


812 views

चंडीगढ़ : चंडीगढ़ में साइबर अपराध दिनों-दिन तेज़ी से बढ़ता जा रहा है। लगातार सामने आ रहे ठगी के मामलों को देखते हुए साइबर पुलिस पूरी तरह सतर्क है। इसी सतर्कता के चलते साइबर क्राइम थाना चंडीगढ़ की टीम ने फर्जी जॉब रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई आईपीएस अधिकारी गीतांजलि खंडेलवाल, एसपी (साइबर), यूटी चंडीगढ़ के नेतृत्व में, डीएसपी साइबर क्राइम ए वेंकटेश के मार्गदर्शन और साइबर थाना सेक्टर-17 के एसएचओ इंस्पेक्टर रोहिताश कुमार यादव की निगरानी में की गई। यह मामला सेक्टर 20/ए के निवासी आर कुमार की शिकायत पर दर्ज किया गया था। उन्हें 23 सितंबर 2024 को विस्तारा एयरलाइंस में नौकरी का ऑफर देने के बहाने फोन कॉल आया। कॉल के बाद एक ऑनलाइन इंटरव्यू कराया गया और ऑफर लेटर भेजा गया। 


इसके बाद उनसे अलग-अलग कारणों के तहत पैसे मांगे गए—1,399 रुपये (रजिस्ट्रेशन), 3,999 रुपये (सिक्योरिटी), 20,550 रुपये (इंश्योरेंस), 10 हज़ार रुपये (अकाउंट ओपनिंग), 9,269 रुपये (टैक्स), और 95,500 रुपये (केबिन और फ्लैट किराया)। ये सारी राशियां यूपीआई के माध्यम से ट्रांसफर करवाई गईं और पीड़ित से कहा गया कि नौकरी ज्वाइन करने के बाद सारी राशि वापस कर दी जाएगी। बाद में उन्हें समझ आया कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है। शिकायत के आधार पर 28 मार्च को साइबर क्राइम थाना चंडीगढ़ में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 319(2), 318(4), 338, 336(3), 340(2), और 61(2) के तहत मामला दर्ज किया गया। इसके बाद एक विशेष टीम गठित कर तकनीकी सहायता से दिल्ली और गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) में छापेमारी की गई, जिसके दौरान छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में 22 वर्षीय कुनाल कुमार और 46 वर्षीय जीत सिंह संधूजा उत्तर प्रदेश के निवासी हैं, जबकि 33 वर्षीय शाने-ए-अज़म, 34 वर्षीय शाह फैजल अंसारी, 23 वर्षीय हिमांशु कुमार और 22 वर्षीय राहुल कुमार दिल्ली के निवासी हैं। पूछताछ के दौरान यह भी सामने आया कि शाने-ए-अज़म के खिलाफ नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर चलाने का एक पुराना केस भी दर्ज है। जांच के दौरान पुलिस ने आरोपियों के पास से 17 मोबाइल फोन (एक्टिव सिम कार्ड सहित), 1 लैपटॉप, 2 फर्जी दस्तावेज और 2 चेकबुक जब्त की हैं।



फेसबुक और सोशल मीडिया पर फर्जी विज्ञापन देकर फंसाते थे शिकार

पुलिस के अनुसार, आरोपी फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एयरलाइंस, शॉपिंग मॉल, वाहन लोन, स्वास्थ्य बीमा जैसी नौकरियों से जुड़े फर्जी विज्ञापन पोस्ट करते थे। इन विज्ञापनों को देखकर लोग दिए गए मोबाइल नंबरों पर संपर्क करते थे। इसके बाद आरोपी उन्हें रजिस्ट्रेशन, वेरिफिकेशन, इंश्योरेंस और अन्य औपचारिकताओं के नाम पर अलग-अलग बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करवाते थे। इस तरह कई लोग इनके जाल में फंस चुके हैं।




साइबर अपराध से बचाव के लिए पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

  • किसी भी ऑनलाइन नौकरी या लोन विज्ञापन में दिए गए फोन नंबर, लिंक और खाता विवरण की जांच करें।
  • बड़ी बैंक ट्रांजेक्शन से पहले दोबारा सोचें और परिवार, मित्रों व सहकर्मियों से जानकारी साझा करें। पुलिस कभी भी ठगी की बात को छिपाने की सलाह नहीं देती।
  • अज्ञात लोगों से आए कॉल या मैसेज जिनमें वे खुद को ट्राई, सीबीआई, ई.डी, मुंबई पुलिस या किसी अन्य एजेंसी का सदस्य बताते हैं, उनसे सावधान रहें।
  • अपनी सिम या बैंक खाता किसी को भी उपयोग के लिए न दें, यह साइबर अपराधों में प्रयोग हो सकते हैं और आप भी कानूनी कार्रवाई में फंस सकते हैं।




हाल में सामने आए थे इसी तरह के बड़े साइबर फ्रॉड के मामले 

हाल के महीनों में इसी प्रकार की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। एक मामला सेक्टर-26 स्थित गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज की छात्रा के साथ सामने आया था, जिसे व्हाट्सएप पर गूगल के नाम से फर्जी ऑनलाइन जॉब ऑफर किया गया। पहले छोटी राशि भेजकर भरोसा दिलाया गया और बाद में उसे टेलीग्राम चैनल से जोड़ कर प्रीपेड टास्क और बोनस के नाम पर लगातार पैसे मंगवाए गए। कुल 1.55 लाख रुपये की ठगी के बावजूद उसे कोई बोनस नहीं मिला और न ही पैसा वापस किया गया।




अप्रैल महीने में ही दर्ज हुए चार मामले, एक में 3.41 करोड़ की ठगी 

इस महीने अब तक साइबर क्राइम थाना, सेक्टर 17 में साइबर अपराध से जुड़े चार केस दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें सबसे हाई-प्रोफाइल केस 2 अप्रैल को दर्ज किया गया था, जिसमें 82 वर्षीय रिटायर्ड कर्नल दलीप सिंह बाजवा से अज्ञात आरोपियों ने डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 3.41 करोड़ रुपये की ठगी की। इस मामले में पुलिस हाल ही में 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसके अलावा एक अन्य केस में बलराज सिंह ने शिकायत दी थी कि उनसे 36.76 लाख रुपये की ठगी की गई। वहीं, तीसरे मामले में सेक्टर 35/डी के निवासी परमजीत सिंह ने बताया कि उन्हें एक शून्य नामक कंपनी द्वारा आईपीओ स्कीम के नाम पर 40 लाख रुपये की ठगी का सामना करना पड़ा। चौथे केस में शहर के एक अन्य निवासी दर्शप्रीत सिंह से इंस्टाग्राम पर मोबाइल फोन पर छूट देने के नाम पर 8.99 लाख रुपये ठगे गए।

author

Vinita Kohli

साइबर पुलिस ने फर्जी जॉब रैकेट का किया भंडाफोड़, छह आरोपी गिरफ्तार, नौकरी के नाम पर वसूलते थे मोटी रकम

Please Login to comment in the post!

you may also like