- by Super Admin
- Jun, 23, 2024 21:28
चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) छात्र काउंसिल चुनाव में इस बार बड़ा खेल हुआ। एनएसयूआई के बागी चेयरमैन सिकंदर बूरा की ओर से चुनाव मैदान में उतारे गए उम्मीदवार अनुराग दलाल ने अध्यक्ष पद पर की कुर्सी पर कब्जा किया। सिकंदर बूरा द्वारा एनएसयूआई चंडीगढ़ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने अपने सैंकड़ों समर्थकों के साथ दलाल को निर्दलीय उम्मीदवार खड़ा करने की घोषणा की थी। बाद में एनएसयूआई के विद्रोही गुट ने अपना नया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट फ्रंट (डीएसएफ) का गठन किया और चुनाव लड़ा। चुनाव से पहले सिकंदर का पार्टी को छोड़कर जाना एनएसयूआई के लिए नुकसान भरा साबित हुआ क्योंकि कैंपस में उनका अच्छा वोट बैंक है। पिछला चुनाव जीतने में सिकंदर की महत्वपूर्ण भूमिका थी। वहीं, एनएसयूआई के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार राहुल नैन छठे स्थान पर रहे। कैमिस्ट्री विभाग के छात्र अनुराग दलाल ने आम आदमी पार्टी (आप) की स्टूडेंट इकाई छात्र युवा संघर्ष समिति (सीवाईएसएस) के उम्मीदवार प्रिंस चौधरी को कड़े मुकाबले में 303 मतों से पराजित किया है। सीवाईएसएस ने इनसो, यूएसओ-एचपीएसयू के साथ गठबंधन किया था। अनुराग दलाल को 3433 और प्रिंस चौधरी को 3130 वोट मिले। तीसरे स्थान पर एबीवीपी की अर्पिता मलिक रहीं। उन्हें 1114 वोट मिले।
चुनाव से पहले उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) में बवाल में हो गया था। पैनल घोषणा के दौरान दिल्ली से आए पार्टी आदेशों फैसले से नाराज प्रदेश अध्यक्ष सिकंदर बूरा ने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली से आए आदेशों से वह संतुष्ट नहीं हैं। इसके बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एचएस लक्की ने राहुल नैन का नाम पीयू चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए घोषित किया। पिछले साल एनएसयूआई ने सिर्फ अध्यक्ष पद पर ही अपना उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारा था। चुनाव से पहले गठबंधन को लेकर हुए विवाद के कारण एनएसयूआई ने सिर्फ अध्यक्ष पद पर ही चुनाव लड़ा था और यह पद जीत लिया था।
इस बार अध्यक्ष पद के लिए इस साल नौ उम्मीदवारों के बीच मुकाबला था। हालाकि एक उम्मीदवार बाद में चुनाव मैदान से बाहर हो गया था जिससे मुकाबला आठ के बीच ही सीमित था। पिछले साल की तरह इस साल भी पीयू छात्र काउंसिल चुनाव में चारों पदों पर अलग अलग संगठनों ने जीत हासिल की है। इस साल चुनाव में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव पदों पर अलग अलग छात्र संगठनों के उम्मीदवार जीते। एनएसयूआई के विद्रोही गुट डीएसएफ के उम्मीदवार अनुराग दलाल ने अध्यक्ष पद जीता तो एनएसयूआई के उम्मीदवार अर्चित गर्ग उपाध्यक्ष चुने गए। इनसो-सीवाईएसएस-यूएसओ-एचपीएसयू गठबंधन के उम्मीदवार ने सचिव पद जीता और संयुक्त सचिव पद एबीवीपी के उम्मीदवार ने जीता। ऐसे में पीयू छात्र काउंसिल का इस बार मिला जुला परिणाम रहा जिससे आगे काउंसिल के सदस्यों में मतभेद हो सकता है।
पीयू छात्र काउंसिल चुनाव में उपाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई के उम्मीदवार ने जीत हासिल की। अर्चित गर्ग ने सथ के उम्मीदवार करणदीप सिंह को 1035 वोटों से पराजित किया। अर्चित गर्ग को 3631 और करणदीप सिंह को 2596 वोट हासिल हुए। तीसरे स्थान पर अभिषेक कपूर रहे। सचिव पद पर इनसो-सीवाईएसएस-यूएसओ-एचपीएसयू गठबंधन के उम्मीदवार विनीत यादव ने जीत हासिल की। उन्होंने सोपू-डीएसफ के जश्नप्रीत सिंह को 359 मतों से पराजित किया। विनीत यादव को 3298 और जश्नप्रीत सिंह को 2939 वोट मिले। तीसरे स्थान पर एनएसयूआई के पारस पराशर रहे। वहीं, संयुक्त सचिव पद पर हुए कड़े मुकाबले में एबीवीपी के जसविंदर राणा ने जीत हासिल की। उन्होंने एचपीएसयू के रोहित शर्मा को 785 मतों से पराजित किया। वह इनसो-सीवाईएसएस-यूएसओ-एचपीएसयू गठबंधन के उम्मीदवार थे। जसविंदर राणा को 3489 और रोहित शर्मा को 2705 वोट मिले। तीसरे स्थान पर अमित बांगा रहे।
पीयू में बने थे 179 पोलिंग बूथ, कड़ी सुरक्षा में हुआ चुनाव
वोटों की गिनती कैंपस के जिम्नेजिम हाल में हुई। पीयू में कड़ी सुरक्षा की गई थी। पीयू कैंपस में कुल 182 पोलिंग बूथ बनाए गए थे। कुल 62 विभागों में मतदान हुआ था। इन 62 विभागों में 65 विभागीय प्रतिनिधियों (डीआर) का भी चुनाव हुआ था। 62 विभागीय प्रतिनिधियों का चुनाव निर्विरोध हो गया था। पीयू कैंपस और शहर के कालेजों में नई छात्र काउंसिल के गठन के लिए सुबह 9.30 बजे मतदान शुरू हुआ था। पीयू में जगह-जगह पर पुलिस ने नाकेबंदी की हुई थी। पीयू के 15854 छात्रों ने मतदान मे हिस्सा लिया था।