- by Super Admin
- Jun, 23, 2024 21:28
चंडीगढ़: शहर में लैंड स्टैकिंग प्रोजेक्ट को पायलट आधार पर लागू करने हेतु गठित समिति की पहली बैठक सोमवार को एस. चोकलिंगम, प्रिंसिपल सेक्रेटरी एवं सीईओ, महाराष्ट्र की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में चंडीगढ़ के उपायुक्त सहित अन्य समिति सदस्यों ने भाग लिया। लैंड स्टैक प्रोजेक्ट एक अग्रणी पहल है, जिसका उद्देश्य एक व्यापक, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी-आधारित भूमि अभिलेख प्रबंधन प्रणाली का निर्माण करना है। यह एकीकृत भूमि सूचना प्रणाली होगी, जिसमें किसी भी भूमि से संबंधित सभी विवरण एक ही डेटाबेस में उपलब्ध रहेंगे। इसके माध्यम से विभागों तथा नागरिकों को मात्र एक क्लिक पर यह जानकारी प्राप्त हो सकेगी कि कोई प्लॉट निर्माणाधीन है या नहीं। यह प्रणाली भूमि से संबंधित विश्वसनीय जानकारी की कमी को भी दूर करेगी, जो स्वामित्व, ज़ोनिंग या विधिक प्रतिबंधों की पुष्टि हेतु संपत्ति लेन-देन के समय अत्यंत महत्वपूर्ण है।
बैठक के दौरान अध्यक्ष ने ज़ोर दिया कि भूमि अभिलेख विभागों के नोडल अधिकारियों और एनआईसी अधिकारियों के बीच घनिष्ठ समन्वय आवश्यक है, ताकि डिजिटलीकरण का उद्देश्य पूर्ण रूप से हासिल हो सके। उन्होंने निर्देश दिए कि नक्शों और अभिलेखों के डिजिटलीकरण हेतु डीओएलआर दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए, प्रक्रिया शुरू करने से पहले स्पष्ट प्रोटोकॉल स्थापित हों, और विभागों में नये कॉलम जोड़ने के बजाय मौजूदा कॉलम को अपडेट किया जाए ताकि समानता बनी रहे। उन्होंने यह भी कहा कि ब्लॉकचेन आधारित समाधानों का उपयोग कर सटीक, सुरक्षित और छेड़छाड़-रोधी रिकॉर्ड-कीपिंग सुनिश्चित की जाए। इस अवसर पर उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने आश्वासन दिया कि प्रशासन लैंड स्टैक प्रोजेक्ट के प्रभावी और समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है।
उन्होंने इस पहल की पारदर्शिता, जवाबदेही और भूमि प्रशासन की दक्षता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने आगे कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन इस परियोजना के सहज क्रियान्वयन हेतु आवश्यक सभी सहयोग प्रदान करेगा, जिसमें समर्पित मानव संसाधन, विभागीय समन्वय और एनआईसी को तकनीकी सहयोग शामिल है। उन्होंने पुनः आश्वस्त किया कि प्रशासन माननीय अध्यक्ष द्वारा दिए गए सभी सुझावों को अपनाएगा और निर्धारित समयावधि में परियोजना पूर्ण करने का हरसंभव प्रयास करेगा, ताकि यह देश के अन्य भागों में भी अनुकरणीय मॉडल बन सके।
लैंड स्टैक प्रोजेक्ट के उद्देश्य एवं लक्ष्य हैं—एकीकृत एवं पारदर्शी भूमि अभिलेख डेटाबेस का निर्माण, प्रमाणित डिजिटल रिकॉर्ड्स के माध्यम से संपत्ति लेन-देन को सरल बनाना, सटीक भू-स्थानिक आँकड़ों द्वारा शहरी नियोजन एवं आधारभूत ढांचे के विकास को सशक्त करना, तथा विवाद, मुकदमेबाजी और भूमि से जुड़े मामलों में देरी को कम करके नागरिक सेवाओं को सुदृढ़ करना। साथ ही, यह सुशासन को बढ़ावा देगा, जिसमें जवाबदेही, विभागीय समन्वय और न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप सुनिश्चित होगा। इसके अतिरिक्त, ब्लॉकचेन और आधुनिक आईटी समाधानों का उपयोग कर आंकड़ों की प्रामाणिकता, गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।