Thursday, Oct 30, 2025

कैब यूनियन ने एग्रीगेटर गाइडलाइंस 2025 के मसौदे पर जताई आपत्ति: मंत्रालय को भेजे विस्तृत सुझाव और आपत्तियां


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चंडीगढ़ : कैब ड्राइवरों के हितों की अनदेखी को लेकर चंडीगढ़ ट्राइसिटी कैब यूनियन ने केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) को एग्रीगेटर गाइडलाइंस 2025 पर विस्तृत आपत्तियों और सुझावों से भरा पत्र भेजा है। यह पत्र मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी केसांग नोरबू भूटिया को ईमेल के माध्यम से प्रेषित किया गया है, जिसकी कॉपी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और परिवहन सचिवों को भी भेजी गई हैं। यूनियन का कहना है कि सरकार का उद्देश्य भले ही एग्रीगेटर सेवाओं को नियंत्रित करना हो, लेकिन मसौदे के मौजूदा प्रारूप में कई ऐसे प्रावधान शामिल हैं जो कैब चालकों की आजीविका को प्रभावित करेंगे और व्यवसाय में असमानता को बढ़ावा देंगे। यूनियन ने ड्राइवर की आय, बेस फेयर में मनमानी कटौती, लंबी दूरी के पिकअप के लिए मुआवजे की कमी, ट्रेनिंग और मेडिकल जांच का बोझ ड्राइवरों पर डालने जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है। यूनियन ने मांग की है कि किराए में से ड्राइवर को मिलने वाले हिस्से को लेकर स्पष्ट प्रावधान जोड़ा जाए, जिसमें यह सुनिश्चित हो कि कुल किराए का 80 प्रतिशत हिस्सा ड्राइवर को मिले और उस पर किसी प्रकार का कमीशन या शुल्क न लगे। बेस फेयर में 50 प्रतिशत तक की छूट का बोझ भी कंपनियों पर डाले जाने की सिफारिश की गई है ताकि ड्राइवरों की आय प्रभावित न हो।


वहीं, 3 किलोमीटर से अधिक दूरी वाले पिकअप पर कंपनियों द्वारा ड्राइवर को प्रति किलोमीटर के हिसाब से मुआवजा देने की मांग की गई है। यूनियन ने ड्राइवरों की गोपनीयता को लेकर भी चिंता जताई है और सुझाव दिया है कि ड्राइविंग लाइसेंस और परमिट की पूरी कॉपी सार्वजनिक रूप से न दिखाई जाए, बल्कि ऐप पर डिजिटल सत्यापन के माध्यम से जानकारी सुरक्षित ढंग से साझा की जाए। बाइक टैक्सी मॉडल पर गंभीर सवाल उठाते हुए यूनियन ने कहा है कि निजी मोटरसाइकिलों से सवारी कराना न केवल ट्रैफिक नियमों और बीमा शर्तों का उल्लंघन है, बल्कि इससे टैक्सी-ऑटो चालकों की आजीविका पर भी सीधा असर पड़ता है। कैंसिलेशन शुल्क से जुड़े प्रावधान को भी यूनियन ने अनुचित बताते हुए सुझाव दिया है कि यह शुल्क ड्राइवर की दूरी और समय के आधार पर तय हो और इसका कम से कम 80 प्रतिशत हिस्सा ड्राइवर को मिले। यूनियन ने एक औपचारिक बैठक की भी मांग की है ताकि मंत्रालय के साथ मिलकर एक व्यवहारिक और संतुलित नीति तैयार की जा सके। कैब यूनियन संयोजक सुमित छाबड़ा ने स्पष्ट किया कि भले ही चंडीगढ़ में पहले ही एग्रीगेटर गाइडलाइंस लागू हो चुकी हैं, लेकिन केंद्र द्वारा प्रस्तावित नए नियम पूरे देश में लागू होकर मोहाली, पंचकूला जैसे क्षेत्रों में ड्राइवरों की परेशानियों को बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इससे एक बार फिर कैब चालकों के बीच डर और अनिश्चितता का माहौल बन गया है।

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Vinita Kohli

कैब यूनियन ने एग्रीगेटर गाइडलाइंस 2025 के मसौदे पर जताई आपत्ति: मंत्रालय को भेजे विस्तृत सुझाव और आपत्तियां

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