Thursday, Apr 24, 2025

चंडीगढ़ के आधे से ज्यादा शराब के ठेके बंद, अब 21 अप्रैल को दोबारा होगी 48 ठेकों की अलॉटमेंट


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चंडीगढ़ : शहर के आधे से ज्यादा शराब के ठेके इस समय बंद हैं। यह शहर के प्रमुख सेक्टरों में हैं। इनमें सेक्टर 17डी, मनीमाजरा, औद्योगिक क्षेत्र फेज-1, सेक्टर-16, 19सी, 24सी, 22सी, 22बी, 23, 27सी और डी, 28सी, 30, 38डी, 40सी, 42, 43, 44डी, 47डी, मौली जागरां, रामदरबार, कैंबवाला, सेक्टर-61 के ठेके भी शामिल है। इस समय 50 प्रतिशत ठेके बंद होने से दूसरे ठेकेदारों को फायदा मिल रहा है, जो कि इस समय 49 शराब के ठेके चला रहे हैं। इस समय शहर के रेट दो से ढाई गुना बढ़ गए हैं। जिन 48 शराब के ठेकों का लाइसेंस खारिज किया गया है उसके लिए अब नए सिरे से नीलामी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 21 अप्रैल तक आवेदन मांगे गए हैं उसी दिन शाम चार बजे आई हुई बिड खोली जाएगी। सेक्टर-24 के पार्क व्यू होटल में फाइनेंश्यिल बिड खोली जाएगी। विभाग को उम्मीद है कि इस बार नए इच्छुक बोलीदाताओं से ठेके समय पर आवंटित हो जाएंगे।


शहर में आधे से ज्यादा शराब के ठेके बंद होने से  शराब के शौकीनों को तो दिक्कत हो ही रही है, प्रशासन को भी भारी नुकसान हो रहा है। इन ठेकों के बंद होने से दूसरे खुले ठेकों का कारोबार बढ़ गया है।  वहीं, अब शराब के ठेकों की नए सिरे से होने वाली नीलामी रिजर्व प्राइस पर नहीं, बल्कि बिड प्राइज पर होगी। जिन ठेकों का लाइसेंस रद हुआ है, उनका रिजर्व प्राइस अब बढ़ जाएगा। ठेकों को पुराने रिजर्व प्राइस पर नहीं बेच सकते। बोली पुरानी नीलामी में लगाई गई ठेके की कीमत से शुरू होगी। हालांकि, उस नई रिजर्व प्राइस को बाकी बचे दिनों के अनुपात में घटा दिया जाएगा। मुख्य बात यह है कि इस नीलामी में वह लोग शामिल नहीं हो सकते, जिनका लाइसेंस रद हुआ है। इन ठेकों का पिछली नीलामी में रिजर्व प्राइस 208 करोड़ रुपये था जबकि प्रशासन को 286 करोड़ रुपये मिले थे। अब नीलामी में यह राशि ही रिजर्व प्राइस होगी। एक्साइज डिपार्टमेंट को इस बार पिछली बोली से भी अधिक राजस्व मिलने की उम्मीद है। डिपार्टमेंट ने उन सभी ठेकेदारों के नीलामी में भाग लेने पर रोक लगा दी है, जिन्होंने पहली बार ठेके लेकर लाइसेंस फीस जमा नहीं कराई हैं।


प्रशासन ने बैंक गारंटी जमा न करवाने पर 96 में से 48 शराब के ठेकों की अलाटमेंट और लाइसेंस रद कर दिया गया है। शराब ठेकेदारों के बैंक गारंटी और तय राशि समय पर जमा न कराने पर विभाग की ओर से सख्त रुख अपनाया गया है। प्रशासन के अनुसार इन ठेकों की दो अप्रैल तक बैंक गारंटी जमा हो जानी चाहिए थी। जारी आदेश में प्रशासन ने इन ठेकेदारों की जमानत राशि को भी जब्त कर लिया है। सेक्टर-20 के जिस शराब के ठेके की 55 करोड़ की बोली लगी थी, उसकी नीलामी को भी खारिज कर दिया गया है। अब इस ठेके की भी नीलामी फिर से की जाएगी। उधर, रद्द किए गए ठेकों से ही विभाग ने करीब 23 करोड़ का राजस्व जुटाया है। क्योंकि सफल बोलीदाताओं की जमा की गई अर्नेस्ट मनी और सिक्योरिटी डिपॉजिट को जब्त कर लिया गया है। इस बार स्थिति काफी अलग है, क्योंकि पहले जहां ठेकों की नीलामी करने के लिए विभाग को संघर्ष करना पड़ा था। इस बार पहली बोली में ही 97 में से 96 ठेके बिक गए थे।


गौरतलब है कि इस साल शराब ठेकों का आवंटन 21 मार्च को हुआ था और ये 3 अप्रैल से खुल गए थे।विभाग को 606 करोड़ की लाइसेंस फीस मिली थी, जो कि 439 करोड़ के रिजर्व प्राइस से लगभग 36 फीसदी अधिक थी। एक्साइज पॉलिसी की धारा 21 के अनुसार, हर सफल बोलीदाता को लाइसेंस फीस के 15 फीसदी के बराबर की बैंक गारंटी विभाग की ओर से सूचित किए गए 7 वर्किंग दिनों के अंदर जमा करनी होती है। तय समय में ऐसा न करने पर ठेका रद्द कर दिया जाता है और सुरक्षा राशि जब्त कर ली जाती है। दिन पूरे होने के बाद चंडीगढ़ वाइन्स कांट्रेक्टर एसोसिएशन ने यूटी प्रशासन के मुख्य सचिव व अन्य अधिकारियों को जानकारी दी और कार्रवाई की मांग की। इसके बाद वकील के माध्यम से लीगल नोटिस भेजा गया, जिसके बाद विभाग हरकत में आया और ठेकों को सील कर दिया। वहीं,  बैंक गारंटी न जमा कराने के पीछे एक कारण मौजूदा टेंडर प्रक्रिया को लेकर जारी विवाद भी है, जिस पर मामला फिलहाल पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में लंबित है। स्थानीय ठेकेदारों ने आरोप लगाया है कि 2025-26 की एक्साइज पॉलिसी के तहत हुई नीलामी में गंभीर अनियमितताएं हुई हैं। याचिका में कहा गया है कि 96 में से 87 ठेके एक ही परिवार और उसके सहयोगियों को दिए गए, जिससे निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए हैं। यह मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है।

 


नीलामी को लेकर उठ रहे सवालों की करवाई जाएगी जांच 

शहर के शराब ठेकों में निवेश को लेकर उठ रहे सवालों की जांच सीबीआई और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट करेगा। निवेश में आय का स्रोत जानने के लिए ईडी की मदद भी ली जाएगी। जब से शराब के ठेकों की नीलामी हुई है तब से लगातार सवाल उठ रहे हैं। प्रशासन के एक्साइज डिपार्टमेंट ने ठेकों की नीलामी को लेकर उठ रहे सवालों की खुद ही जांच करवाने का निर्णय लिया है। नीलामी के दौरान आरोप लग रहे थे कि अधिकांश ठेकों के लिए पेमेंट एक ही बैंक अकाउंट से हुई है। विभाग पर भी मिलीभगत का आरोप लग रहे हैं, ऐसे में आबकारी विभाग खुद ही इसकी जांच करने के लिए तैयार है, ताकि वह किरकिरी से बच सके। चंडीगढ़ वाइन कांट्रैक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दर्शन सिंह कलेर ने विभाग से मांग की है कि पिछली नीलामी में सफल हुए ठेकेदारों की वित्तीय सॉल्वेंसी, बैंक गारंटी, और फॉर्म एम-75 की सख्ती से जांच की जाए।

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Vinita Kohli

चंडीगढ़ के आधे से ज्यादा शराब के ठेके बंद, अब 21 अप्रैल को दोबारा होगी 48 ठेकों की अलॉटमेंट

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