- by Vinita Kohli
- Jan, 02, 2025 05:50
चंडीगढ़ : नववर्ष में शीतकालीन अवकाश की शुरुआत होते ही स्कूल स्तर पर ड्राप-आउट बच्चों को ढूंढने का अभियान शुरू हुआ। एक सप्ताह स्कूल स्तर पर अभियान चलाया जाना था, मगर शिक्षकों की सर्वे से कन्नी काटने के चलते स्कूल छोड़ चुके बच्चों को ढूंढने का अभियान सिरे नहीं चढ़ पाया। लिहाजा, हरियाणा स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से राज्य के सभी जिला परियोजना समन्वयकों को निर्देश जारी किए हैं कि शीतकालीन अवकाश के दौरान शिक्षा स्वयंसेवकों की भागीदारी के साथ सर्वेक्षण कार्य को आगामी 15 जनवरी तक बढ़ाया जाता है।
निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि अधर में पढ़ाई और स्कूल छोड़ चुके बच्चों की पहचान पूरी गंभीरता के साथ की जाए। सर्वे के दौरान स्कूल स्तर पर कोई भी मोहल्ला, वार्ड, गली व घर छूटना नहीं चाहिए। सर्वे रिपोर्ट को ‘प्राबधान पोर्टल’ पर अपलोड किया जाएगा। राज्य भर की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर सरकार आगामी शैक्षणिक सत्र में ड्राप आउट बच्चों को पढ़ाई की राह पर लाने का एक्शन प्लान तैयार करेगी। दरअसल, शिक्षा विभाग ने राजकीय स्कूलों में ड्राप आउट की बढ़ती चुनौती को देखते हुए स्कूल छोड़ चुके बच्चों की पहचान करने के लिए शीतकालीन सत्र में सर्वे का एक्शन प्लान तैयार किया था, लेकिन एक्शन प्लान सिरे नहीं चढ़ पाया। एक्शन प्लान के तहत शीतकालीन अवकाश के दौरान न केवल ड्राप आउट बच्चों की रिपोर्ट तैयार उन्हें नए शैक्षणिक सत्र में दाखिले दिलाना प्राथमिकता थी।
यह है सर्वे प्लान
सर्वे के दौरान शिक्षा विभाग का लक्ष्य एससी और एसटी समुदायों के साथ सड़क पर रहने वाले बच्चों, भिखारियों, अनाथ व बेघर, प्रवासी, विमुक्त जनजातियों के समूहों की आबादी को शिक्षा के साथ जोड़ना है। शैक्षणिक सत्र 2024-25 में स्कूल छोड़ चुके बच्चों का भी डाटा तैयार किया जाएगा ताकि उन्हें दोबारा से स्कूल लाया जा सके।
यह तैयार होगी रिपोर्ट
ड्राप आउट सर्वे के दौरान एजुकेशन वालंटियर गांव में हर गली, मोहल्ला तथा घर-घर जाकर डाटा एकत्रित करेंगे कि कुल सदस्य कितने हैं, 6 और 7 वर्ष आयु के बच्चे, 8 से 10, 11 से 14 और 15 से 19 आयु वर्ग के बच्चे, सभी का आधार कार्ड नंबर, प्रवासी परिवारों के बच्चे, कितने बच्चे स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं और कितने पढ़ाई अधर में छोड़ चुके हैं। बच्चों को शिक्षा के राह पकड़वाने में ग्राम पंचायतों का विशेष सहयोग लिया जाएगा। इसके साथ ही ड्राप आउट बच्चों के सर्वे के लिए आंगनबाड़ी वर्कर, नंरबदार व पंच सहित सामाजिक संस्थाओं के साथ सर्वे रिपोर्ट तैयार होगी।