Friday, Oct 3, 2025

चंडीगढ़ में 'जय श्री राम' के जयकारों के बीच धूमधाम से मना विजयदशमी का पर्व, सुरक्षा के कड़े इंतजामों के साथ ट्रैफिक व्यवस्था का भी रहा प्रबंध


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चंडीगढ: शहर में वीरवार को दशहरा का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान शहर के 31 स्थानों पर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन किया गया। शहर के प्रमुख मैदानों और पार्कों में रामलीला का आयोजन किया गया था, जिसके बाद विशाल पुतलों का दहन किया गया। इसको लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। शहर में सबसे ऊंचा रावण सेक्टर-46 में जला। इसके अलावा सेक्टर-17 और सेक्टर-34 के ग्राउंड में भी बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया।  शहर में कई जगहों पर शोभायात्राओं का आयोजन हुआ। दशहरा ग्राउंड में राम और रावण की सेना पहुंची। शाम में पुतलों का दहन हुआ। खास बात यह रही कि सेक्टरों के पार्कों एवं कालोनियों में बच्चों ने खुद से तैयार किए गए रावण के पुतले जलाकर दशहरा मनाया।


जानकारी के मुताबिक सेक्टर-7,17, 24,26,27,32,42,45,46, रामदरबार, धनास आदि करीब 31 जगहों पर रावण के पुतले जलाए गए। वहीं शहर की कालोनियों और सेक्टरों में दोपहर तीन बजे से शोभायात्रा निकाली गई। इसके अलावा सेक्टर-46 के श्री सनातन धर्म मंदिर से भी एक विशाल शोभायात्रा निकाली गई। जोकि सेक्टर-45 स्थित श्री सनातन धर्म मंदिर में माथा टेकने के बाद सेक्टर-46 स्थित श्री गुरु सिंह सभा पहुंची, जहां गुरुद्वारा कमेटी की ओर से स्वागत किया गया। इसके बाद शोभायात्रा सेक्टर-46 के इलाकों से गुजरती हुई दशहरा ग्राउंड में पहुंची।



शरारती तत्वों ने सेक्टर-30 में किया पुतले को आग के हवाले

सेक्टर-30 के आरबीआई कॉलोनी के पास स्थित एक पुतले को बुधवार देर रात शरारती तत्वों ने आग के हवाले कर दिया। यहां अश्विनी बाल ड्रामाटिक क्लब की ओर से दशहरा उत्सव आयोजित होना था, और क्लब ने रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले तैयार किए थे। शरारती तत्वों ने रात करीब 11:15 बजे पुतले को आग लगा दी, जिससे कार्यक्रम प्रभावित हुआ। क्लब के महासचिव आदित्य शर्मा ने इस घटना को लेकर प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है।



सेक्टर-46 में जलेगा 101 फुट का रावण, घूमती गर्दन बनी आकर्षण

चंडीगढ़ का सबसे बड़ा आयोजन सेक्टर-46 के दशहरा मैदान में हुआ। यहां श्री सनातन धर्म दशहरा कमेटी ने इस बार भी विशेष आकर्षण की तैयारी की थी। 101 फुट ऊंचा रावण, 95 फुट का मेघनाद और 90 फुट ऊंचा कुंभकर्ण का पुतला यहां तैयार किया गया था। इस आयोजन का मुख्य आकर्षणरहा – सोने की लंका का दहन, रावण के पुतले की घूमती गर्दन और चेहरे के हावभाव, नाभि से निकलती अमृत कुंड की धारा और रिमोट से पुतलों को अग्नि देने का दृश्य। कमेटी के चेयरमैन जतिंदर भाटिया ने बताया कि आयोजन स्थल पर करीब 10 हजार दर्शकों के बैठने की व्यवस्था की गई थी। मेले में बच्चों के लिए कार्टून कैरेक्टर मिकी माउस और डोरेमोन बच्चों को टॉफियां और खिलौने बांटें गए। रावण दहन से पहले शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें रामायण की झांकियां विशेष आकर्षण रही। इस आयोजन में पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया मुख्य अतिथि रहे, जबकि चंडीगढ़ के उपायुक्त निशांत कुमार यादव (आईएएस) और प्रशासन के मुख्य अभियंता सीबी ओझा विशेष अतिथि रहे।



अन्य सेक्टरों में भी रहे विशाल पुतले

  • सेक्टर-29 में 80 फुट ऊंचा रावण और 75 फुट का कुंभकर्ण तथा 70 फुट का मेघनाद खड़ा किया गया था।
  • सेक्टर-34 में 65 फुट ऊंचा रावण और 60-60 फुट के मेघनाद व कुंभकर्ण थे।
  • सेक्टर-27 में 75 फुट का रावण और 70 व 65 फुट ऊंचे पुतले बनाए गए थे।
  • सेक्टर-17 में रावण का पुतला 70 फुट और मेघनाद व कुंभकर्ण के पुतले 65-65 फुट के थे।
  • सेक्टर-48, 43 और 40 में भी इस बार पुतलों का भव्य दहन हुआ।
  • पुलिस और निजी सुरक्षा एजेंसियों की तैनाती इन सभी स्थानों पर की जाएगी। अग्निशमन वाहन और एंबुलेंस भी मौके पर मौजूद रहे।



सेक्टर-43 बी में पहली बार आयोजित दशहरा उत्सव की रही धूम

सेक्टर-43 बी में इस बार पहली बार भव्य दशहरा उत्सव मनाया गया। बाल रामलीला एवं दशहरा कमेटी की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी मुख्य अतिथि रहे। समिति अध्यक्ष राजेश राय ने बताया कि बीते दस सालों से रामलीला का सफल आयोजन किया जा रहा है और इस बार दशहरा उत्सव को भी शामिल किया गया । इसमें विशेष आकर्षण  – हंसता हुआ रावण रहा। इस नए प्रयोग ने दर्शकों को एक अलग अनुभव दिया। आयोजन में झांकियां, मंचीय प्रस्तुतियां और बच्चों की प्रतिभा प्रदर्शन के कार्यक्रम हुए।



पंचकूला में सबसे ऊंचा 180 फुट का रावण

ट्राइसिटी में इस बार सबसे बड़ा आकर्षण पंचकूला के सेक्टर-5 शालीमार ग्राउंड में बनाया गया 180 फुट ऊंचा रावण रहा। साथ ही 100-100 फुट के मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले भी तैयार किए गए थे। यह ट्राइसिटी ही नहीं, बल्कि देश का सबसे ऊंचा रावण रहा। करीब 15 लाख रुपये की लागत से बना यह पुतला दर्शकों के लिए कौतूहल का केंद्र बना रहा। 20 फुट के पैर, 20 फुट की जूती और 45 फुट की तलवार वाले इस रावण को देखने के लिए बुधवार से ही लोगों की भीड़ उमड़ रही थी।

कुल तीनों पुतलों पर लगभग 30 लाख रुपये का खर्च आया था। जानकारी के मुताबिक अगले साल यहां 250 फुट का रावण बनाने की योजना है, जो दुनिया का सबसे ऊंचा पुतला होगा। 2023 में भी पंचकूला में 171 फुट का रावण बनाया गया था, जबकि 2024 में तेज हवाओं के कारण 181 फुट का रावण क्षतिग्रस्त हो गया और उसका दहन 155 फुट पर ही किया गया। इस बार समिति ने पुतले को और मजबूत व सुरक्षित बनाया था। दहन रिमोट कंट्रोल से हुआ और इको-फ्रेंडली आतिशबाजी से आसमान जगमगाता हुआ बहुत भव्य लग रहा था।

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Vinita Kohli

चंडीगढ़ में 'जय श्री राम' के जयकारों के बीच धूमधाम से मना विजयदशमी का पर्व, सुरक्षा के कड़े इंतजामों के साथ ट्रैफिक व्यवस्था का भी रहा प्रबंध

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