- by Super Admin
- Apr, 07, 2024 17:59
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने राजस्थान की जोजरी नदी में औद्योगिक अपशिष्ट छोड़े जाने के मामले में मंगलवार को स्वत: संज्ञान लिया। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि विभिन्न कारखानों से नदी में छोड़ा जा रहा औद्योगिक अपशिष्ट सैकड़ों गांवों को प्रभावित कर रहा है। पीठ ने कहा कि नदी में औद्योगिक अपशिष्ट छोड़े जाने की वजह से क्षेत्र में मानव और पशुओं के लिए पीने योग्य जल उपलब्ध नहीं है, जिससे स्वास्थ्य और अन्य पारिस्थितिकीय तंत्र प्रभावित हो रहे हैं। पीठ ने कहा, ‘‘यह अदालत राजस्थान की मरुधरा जोजरी नदी में छोड़े जा रहे औद्योगिक अपशिष्ट के संबंध में स्वत: संज्ञान ले रही है, जहां मुख्यत: वस्त्र और टाइल्स कारखानों से भारी मात्रा में औद्योगिक अपशिष्ट छोड़ा जा रहा है, जिससे सैकड़ों गांवों में रहने वाले लोगों और पशुओं के लिए जल पीने योग्य नहीं रह गया है।’’ पीठ ने कहा कि इस मामले को भारत के प्रधान न्यायाधीश के समक्ष रखा जाए, ताकि इस पर आगे की कार्रवाई के लिए आवश्यक आदेश पारित किए जा सकें।