- by Super Admin
- Jul, 15, 2024 06:28
Parivartini Ekadashi 2024: हाल ही में देश गणेशोत्व में मंगन हो रखा है, इस उत्सव को लोग काफी धूमधाम और ढोल-नगाड़े के साथ मनाते हैं। वहीं इसी धूम के बीच हिंदू ग्रंथों में परिवर्तिनी एकादशी भी आने वाली है जिसे जलझूलनी एकादशी भी कहा जाता है। यह एकादशी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि में आती है जिसमें भगवान विष्णु के वामन अवतार और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। माना जाता है भगवान विष्णु और गणेश जी की पूजा करने से सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है। आइए फिर जानते हैं कि कब है परिवर्तिनी एकादशी और इसे जुड़ी अन्य बातें।
कब है परिवर्तिनी एकादशी ?
वैदिक पंचांग के अनुसार परिवर्तिनी एकादशी हर वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है और इस साल यह तिथि 13 सितंबर सुबह 10:25 पर शुरू होकर 14 सितंबर सुबह 08:45 में समापन हो जाएगी। हिंदू धर्म के मुताबिक, व्रत-त्योहार को उदया तिथि के अनुसार माना जाता है। ऐसे में परिवर्तिनी एकादशी व्रत का पालन 14 सितंबर 2024, शनिवार के दिन होगा।
परिवर्तिनी एकादशी में किन बातों का रखें ध्यान ?
हिंदू धर्म के अनुसार, किसी भी एकादशी व्रत में चावल का सेवन करना मना होता है। इसके अलावा इस बात पर भी ध्यान दें कि एकादशी में राहुकाल में पूजा करना वर्जित होता है। अगर आप राहुकाल में पूजा करते हैं तो कुछ अशुभ हो सकता है। इस परिवर्तिनी एकादशी में राहुकाल का समय 13:50 से 15:25 तक है। इस समय पूजा करने से बचें।
परिवर्तिनी एकादशी को लेकर श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर से क्या कहा ?
महाभारत के समय भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर से कहा था कि परिवर्तिनी एकादशी का व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं तो उन्हें सभी पापों से मुक्ति मिल जाएगी। वहीं इस व्रत को करने से सुख-शांति, समृद्धि, और आत्मिक शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही व्यक्ति को भय, रोग, दोष आदि से भी मुक्ति मिल जाएगी। इस दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए। साथ ही दान करने से भी पुण्य में वृद्धि होती है।