- by Vinita Kohli
- Nov, 01, 2025 08:55
फरीदकोट: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने केंद्र की मोदी सरकार के 'महात्मा गांधी नेशनल रूरल गारंटी एक्ट' (MGNREGA) को खत्म करने और उसकी जगह नया कानून 'जी राम जी' लाने के फैसले के खिलाफ कड़ा संघर्ष करने का ऐलान किया है। इस बारे में जानकारी देते हुए CPI के जिला सेक्रेटरी अशोक कौशल ने अलग-अलग गांवों औलख, घनीवाला, जीऊंवाला और कोट सुखिया में मजदूरों की पूरी मीटिंग को संबोधित किया।
'18 दिसंबर मज़दूरों के लिए काला दिन'
कॉमरेड अशोक कौशल ने कहा कि 18 दिसंबर को भारतीय संसद के इतिहास में मज़दूर विरोधी 'काले दिन' के तौर पर याद किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने बहुमत के दम पर 20 साल पुरानी जनहितैषी MGNREGA स्कीम को खत्म कर दिया है। मज़दूर नेताओं ने कहा कि नए कानून 'जी राम जी' ने गरीबों की रोटी छीन ली है।
राज्यों पर अतिरिक्त बोझ डालने की निंदा
मीटिंग के दौरान नेताओं ने कहा कि नए ग्रामीण रोज़गार कानून के तहत केंद्र सरकार ने अपना हिस्सा 90 प्रतिशत से घटाकर 60 प्रतिशत कर दिया है, जबकि 40 प्रतिशत का बोझ राज्य सरकारों पर डाल दिया है। नेताओं के अनुसार, राज्य सरकारें यह आर्थिक बोझ उठाने में सक्षम नहीं हैं, जिसके कारण यह स्कीम फेल साबित होगी और मज़दूरों को इसका कोई फ़ायदा नहीं मिलेगा।
22 दिसंबर को जिला लेवल पर विरोध प्रदर्शन होगा
CPI नेताओं ने ऐलान किया कि केंद्र की इस 'गुंडागर्दी' के खिलाफ 22 दिसंबर (सोमवार) को सुबह 11:00 बजे शहीद कॉमरेड अमोलक भवन फरीदकोट में मज़दूरों की एक बड़ी सभा होगी। इसके बाद DC ऑफिस तक विरोध मार्च निकाला जाएगा। उन्होंने साफ किया कि यह लड़ाई सिर्फ पंजाब में ही नहीं बल्कि पूरे देश में लड़ी जाएगी ताकि सरकार को मज़दूर विरोधी फैसले वापस लेने के लिए मजबूर किया जा सके।
इस मौके पर कॉमरेड वीर सिंह कमीआना, गुरदीप सिंह कमीआना, बलकार सिंह सहोता, गुरनाम सिंह मनी सिंह वाला, गोरा पिपली, मनजीत कौर, पपी ढिलवां और दूसरे मज़दूर नेता मौजूद थे।