- by Super Admin
- Apr, 08, 2024 04:37
नई दिल्ली: उत्तर भारत में बुधवार को भी बारिश का सिलसिला लगातार जारी रहा तथा बारिश के कारण मकान ढहने और भूस्खलन की घटनाओं में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में 10 लोगों की मौत हो गई। इसके कारण पहले से प्रभावित क्षेत्रों पर और मार पड़ी तथा कक्षाओं, उड़ानों, ट्रेनों और यहां तक कि लोगों के अंतिम संस्कार को भी स्थगित करना पड़ा। पूर्वी भारत में बंगाल की खाड़ी पर बने नए निम्न दबाव क्षेत्र के चलते बृहस्पतिवार को अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड में भारी वर्षा की संभावना है। इस बीच ओडिशा में लगातार तीसरे दिन बुधवार को भी बारिश जारी रही। हरियाणा में अलग-अलग जगहों पर भारी वर्षा के कारण मकानों की छतें गिरने की तीन घटनाओं में छह लोगों की मौत हो गई, जिनमें तीन लड़कियां शामिल हैं। ये घटनाएं भिवानी, कुरुक्षेत्र से करीब 20 किलोमीटर दूर शाहबाद मारकंडा और यमुनानगर में हुईं।
हिमाचल प्रदेश में वर्षा का कहर जारी रहा। मंडी जिले के सुंदरनगर के पास भूस्खलन के मलबे से चार और शव निकाले गए, जिससे मृतक संख्या सात हो गई। कुल्लू जिले में दो मकान ढहने से दो लोगों के मारे जाने की आशंका है, जिनमें एक एनडीआरएफ का जवान भी शामिल है। शिमला जिले के कुमारसेन क्षेत्र में कालिमिट्टी के पास निजी बस पर पत्थर गिरने से दो महिलाओं की मौत हो गई और 15 यात्री घायल हो गए। प्रदेश में एहतियातन सभी स्कूल और कॉलेज सात सितंबर तक बंद करने के आदेश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चंबा प्रशासन को मनिमहेश यात्रा के फंसे श्रद्धालुओं को तत्काल निकालने और वायुसेना से समन्वय कर छह एमआई-17 हेलीकॉप्टर तैनात करने का निर्देश दिया। जम्मू-कश्मीर में भी बारिश से तबाही हुई। तेज बारिश के कारण मकान गिरने से मां-बेटी की मौत हो गई। अखनूर के एक गांव में 40 लोग पानी में फंस गए। रियासी में भूस्खलन से माता वैष्णो देवी मंदिर की यात्रा का मार्ग अवरुद्ध हो गया, जिससे लगातार नौवें दिन तीर्थ यात्रा बंद रही।
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में मंगलवार देर रात लुट्टी बांध का एक हिस्सा भारी वर्षा के बाद टूट गया। अचानक आई बाढ़ में चार लोगों की मौत हो गई और तीन लापता हो गए। बाढ़ का पानी घरों और खेतों में घुस गया। दिल्ली में बुधवार को लगातार तीसरे दिन रुक-रुक कर बारिश हुई। आसमान में बादल छाए रहे और अगले कुछ दिनों में और बारिश का अनुमान है। उफनती यमुना के पानी ने कई घरों को जलमग्न कर दिया, दुकानों का सामान नष्ट कर दिया और कई इलाकों में यातायात बाधित कर दिया तथा हजारों लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। बुधवार को नदी का जलस्तर 1963 के बाद से पांचवीं बार 207 मीटर के निशान को पार कर गया। दिल्ली के सबसे बड़े शवदाह गृह निगमबोध घाट में यमुना का पानी भरने से वहां दाह-संस्कार रोक दिए गए। यमुना किनारे स्थित यह श्मशान घाट में प्रतिदिन औसतन 55-60 अंतिम संस्कार होते हैं। गीता कॉलोनी श्मशान घाट में भी पानी भर गया, जिससे कर्मचारियों को दाह संस्कार के लिए सूखी जगह तलाशनी पड़ी।