Thursday, Oct 30, 2025

नए आपराधिक कानूनों को लेकर बड़ी उपलब्धि, 54 हजार पुलिस कर्मियों को दिया प्रशिक्षण


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चंडीगढ़ : हरियाणा पुलिस ने देश में सबसे तेज़ और संगठित रूप से भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के अमल को धरातल पर उतारते हुए एक नई प्रशासनिक और तकनीकी मिसाल पेश की है। 1 जुलाई 2024 से लागू इन तीनों नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर हरियाणा पुलिस ने राज्य स्तर पर एक मिशन मोड में कार्य किया है, जिसमें व्यापक प्रशिक्षण, डिजिटल निगरानी प्रणाली, फॉरेंसिक क्षमताओं का उन्नयन और कार्यप्रणाली का डिजिटलीकरण प्रमुख केंद्र रहे। डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने कहा कि हरियाणा पुलिस न केवल नए कानूनों को समझने और लागू करने में अग्रणी रही है, बल्कि टेक्नोलॉजी और ट्रेनिंग को न्याय प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा बनाकर पारदर्शिता, दक्षता और जन-केंद्रितता की नई दिशा तय की है। आज हर पुलिसकर्मी अपने कर्तव्यों को अधिक संवेदनशीलता, जानकारी और उत्तरदायित्व के साथ निभा रहा है। यह बदलाव केवल प्रणाली का नहीं, बल्कि सोच का परिवर्तन है और हरियाणा पुलिस इस परिवर्तन की अगुवाई कर रही है।



व्यापक प्रशिक्षण और पुलिस कार्यशैली में बदलाव

हरियाणा पुलिस ने 54,329 पुलिसकर्मियों को नए आपराधिक कानूनों के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया है। प्रशिक्षण में भारतीय न्याय प्रणाली में आए बदलावों, नए प्रावधानों की व्याख्या, तकनीकी उपकरणों का उपयोग, और पीड़ित-केंद्रित दृष्टिकोण को विशेष रूप से शामिल किया गया। इसके साथ ही, 37,889 पुलिसकर्मियों को आईगोट कर्मयोगी प्लेटफ़ॉर्म पर जोड़ा गया है, जिससे वे स्व-अध्ययन के माध्यम से कानून की बेहतर समझ प्राप्त कर सकें।



डिजिटल प्रक्रियाओं ने दी गति और पारदर्शिता

न्यायिक प्रक्रिया को तकनीक के साथ जोड़ने के लिए ई-साक्ष्य और ई-सम्मन जैसे ऐप्स को पूरी तरह लागू किया गया है। तलाशी और जब्ती की 100 प्रतिशत रिकॉर्डिंग अब डिजिटल रूप से हो रही है, जिससे मामलों में पारदर्शिता और साक्ष्य की विश्वसनीयता में बढ़ोतरी हुई है। 91.37 प्रतिशत समन इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजे जा रहे हैं, जिससे समय की बचत और प्रक्रिया मंय तेजी आई है। साथ ही, 67.5 प्रतिशत गवाहों और शिकायतकर्ताओं के बयान ई-साक्ष्य ऐप पर रिकॉर्ड किए जा रहे हैं, जिससे न्याय प्रक्रिया अधिक संरक्षित और भरोसेमंद बनी है।



फॉरेंसिक क्षमताओं का विस्तार

हर जिले में एक मोबाइल फोरेंसिक वैन तैनात की गई है और बड़े जिलों में दो-दो वैन सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। राज्य सरकार ने 208 नई नियुक्तियों को मंजूरी दी है और 186 रिक्तियों पर भर्ती की प्रक्रिया जारी है। साइबर फॉरेंसिक के क्षेत्र में भी बड़ा निवेश हुआ है, जहां 68.70 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक उपकरणों की खरीद को स्वीकृति दी गई है। इससे साइबर अपराधों की जांच में मजबूती आई है और समय पर रिपोर्टिंग संभव हो रही है। न्याय श्रुति योजना को पायलट रूप से करनाल जिले में लागू किया गया है, जहां पांच अदालतों को इसके लिए चयनित किया गया है। अब 50 प्रतिशत से अधिक पुलिसकर्मी अपनी गवाही और 70 प्रतिशत आरोपी कोर्ट में पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दे रहे हैं।

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Vinita Kohli

नए आपराधिक कानूनों को लेकर बड़ी उपलब्धि, 54 हजार पुलिस कर्मियों को दिया प्रशिक्षण

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