- by Vinita Kohli
- Jan, 01, 2025 04:21
चंडीगढ़ : वित्तीय संकट से जूझ रहे चंडीगढ़ नगर निगम ने अपनी आय बढ़ाने के लिए एक तरफ जहां कम्युनिटी सेंटर्स के किराए में 5 गुना तक की बढ़ोतरी और उन्हें पीपीपी मॉडल पर देने की तैयारी की है, वहीं, नगर निगम के पार्षदों और शहर के आम लोगों ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया है। नगर निगम सदन की मंगलवार को होने वाली बैठक में कम्युनिटी सेंटर्स के किराए में बढ़ोतरी का प्रस्ताव लाया जा रहा है और यह तय है कि बैठक में इल प्रस्ताव का कांग्रेस के साथ-साथ आम आदमी पार्टी के पार्षद भी विरोध करेंगे। भाजपा के पार्षद भी इसके समर्थन में नहीं हैं, लेकिन अभी तक पार्टी खुलकर विरोध में सामने नहीं आई है। सदन की बैठक में इस प्रस्ताव को लेकर जमकर विरोध होगा। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और पार्षद योगेश ढींगरा ने कम्युनिटी सेंटर के बुकिंग शुल्क बढ़ाने के एजेंडा का विरोध किया।
पार्षद योगेश ढींगरा ने बताया की नगर निगम को पहले अपने बुकिंग सिस्टम को अपडेट करना चाहिए और इसमें जो त्रुटियां हैं, उसकी तरफ ध्यान देना चाहिए ना की जनता पर बोझ डालना चाहिए। जो सुविधा गरीब लोगों को शादी के लिए फ्री में मिलनी चाहिए उसमें भी नगर निगम के अधिकारी अपनी जेब भरने पर तुले हुए हैं। वहीं, चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने शहर में कम्युनिटी सेंटर्स के किराए में प्रस्तावित बढ़ोतरी का कड़ा विरोध किया है। अध्यक्ष एचएस लक्की ने सभी कांग्रेस पार्षदों को निर्देश दिया है कि वह सदन की बैठक में इस प्रस्ताव का दृढ़ता से विरोध करें। लक्की ने कहा कि यह कम्युनिटी सेंटर सामाजिक आयोजनों के लिए अत्यंत आवश्यक सार्वजनिक स्थल है, विशेष रूप से उन परिवारों के लिए जो महंगे निजी स्थलों को वहन नहीं कर सकते। नगर निगम की ओर से तैयार प्रस्ताव के तहत 24 हजार रुपये में बुक होने वाले कम्युनिटी सेंटर के लिए 60 हजार खर्च करना होगा। नगर निगम की ओर से संचालित सभी कम्युनिटी सेंटर्स को अब पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर दिया जाएगा और उनके किराए में लगभग 5 गुना तक की वृद्धि की जाएगी।
यही नहीं, कम्युनिटी सेंटर में अब कोई भी कार्यक्रम फ्री में नहीं होगा। चाहिए गरीब बेटी की शादी हो या भोग-क्रिया रस्म का कार्यक्रम, कुछ न कुछ चार्जेज देने ही होंगे। अगर कोई कमर्शियल, इंडस्ट्रियल एंड बिजनेस प्रमोशन संबंधी एग्जीबिशन के लिए कम्युनिटी सेंटर बुक करवाएगा तो डबल चार्ज देना होगा। रजिस्टर्ड संस्था द्वारा कम्युनिटी सेंटर में मेडिकल या ब्लड डोनेशन कैंप लगाने के लिए 100 फीसदी राशि जमा करवानी होगी। प्रशासन या एमसी इमरजेंसी पब्लिक इंटरेस्ट में लॉ एंड ऑर्डर स्थिति को लेकर कम्युनिटी सेंटर की बुकिंग करवाएगा तो भी बुकिंग के 100 फीसदी चार्ज देने होंगे। अभी तक ऐसे कार्यक्रम फ्री में होते रहे हैं। गौरतलब है कि मार्च में भी इस प्रस्ताव को सदन में रखा गया था, लेकिन उस समय इस पर चर्चा नहीं हो पाई थी। अब इसे फिर से सदन में लाया जा रहा है। बड़ी बात यह है कि अलग-अलग श्रेणियों के कम्युनिटी सेंटर्स के लिए एक ही दर लागू की जा रही है, जो आम आदमी के लिए काफी महंगी साबित होगी। साथ ही, कई जगहों पर पीपीपी मोड पर ही नए केंद्र बनाने की तैयारी होगी, जिनका संचालन पहले 15 साल के लिए दिया जाएगा और फिर जरूरत पड़ने पर अगले पांच साल के लिए बढ़ाया जाएगा।
फायर लाइसेंस के नियम होंगे सख्त
नगर निगम में अब फायर लाइसेंस (अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र) के नियम सख्त हो जाएंगे। आवेदन करने के 6 महीने के भीतर फायर एनओसी नहीं ली तो आवेदन रद्द हो जाएगा और दोबारा आवेदन करना पड़ेगा। यह नियम नगर निगम सदन की बैठक में मंजूरी के लिए इसलिए लाया जा रहा है क्योंकि देखा गया है कि कई आवेदक कमियों की जानकारी मिलने के बाद भी अपने मामले को आगे नहीं बढ़ाते, जिससे अग्नि सुरक्षा से समझौता होता है।
घर के क्षेत्रफल के आधार पर ही लोग कुत्ते रख सकेंगे, पेट डॉग के काटने पर देना होगा मुआवजा
शहर में पालतू और लावारिस कुत्तों के रखरखाव और प्रबंधन को लेकर चंडीगढ़ पेट एंड कम्युनिटी डॉग्स बायलॉज का एजेंडा भी सदन में लाया जाएगा। नगर निगम की ओर से 7 फरवरी 2025 से 7 मार्च 2025 तक पब्लिक से सुझाव और आपत्तियां मांगी जा चुकी हैं। सदन से मंजूर होते ही निगम की ओर से नोटिफिकेशन जारी की जाएगी। नए पेट एंड कम्युनिटी डॉग बाय लॉज लागू होंगे। सदन की मंजूरी के बाद शहर में हर पालतू कुत्ते का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। नए नियमों के अनुसार, घर के क्षेत्रफल के आधार पर ही लोग कुत्ते रख सकेंगे। पालतू डॉग ऑनर को एमसी को लिखित में अंडरटेकिंग देनी होगी कि दो से ज्यादा पेट डॉग नहीं रखेंगे। डॉग को कहीं भी लेकर जाएंगे तो पट्टा डालकर जाएंगे। अगर डॉग किसी को हानि पहुंचाएगा या काटेगा तो उसका मुआवजा वे उसे देंगे। घर के क्षेत्रफल के आधार पर ही कुत्तों की संख्या तय होगी। उदाहरण के लिए, 5 मरला या उससे कम में 1 कुत्ता, 5 से 12 मरला में 2 कुत्ते, 12 मरला से एक कनाल में 3 कुत्ते (एक मोंगरेल/इंडी कुत्ता अनिवार्य), और एक कनाल से अधिक में 4 कुत्ते (दो मोंगरेल/इंडी कुत्ते अनिवार्य)। अमेरिकन बुलडॉग, अमेरिकन पिट बुल, बुल टेरियर, केन कोरसो, डोगो अर्जेंटीनो, रॉटविलर सहित 7 आक्रामक नस्लों के कुत्तों को रखने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उल्लंघन पर 10,000 रुपये का जुर्माना होगा। अब कोई भी स्ट्रे डॉग को कहीं भी खाना नहीं दे सकेगा। आरडब्लूए और पार्षद की सहमति से प्रत्येक इलाके में जगह चयनित की जाएगी, जहां कुत्तों को खाना दिया जा सकेगा। कुत्तों को सुखना लेक, रोज गार्डन, शांतिकुंज, रॉक गार्डन, लेजर वैली, मिनी रोज गार्डन, फ्रेगरेंस गार्डन, टेरेस गार्डन, शिवालिक गार्डन सहित कई अन्य सार्वजनिक स्थानों पर ले जाने पर मनाही होगी।
लाल डोरे के बाहर के घरों को मिलेगा पानी कनेक्शन
लाल डोरे के बाहर स्थित घरों को अस्थायी पानी कनेक्शन देने का एजेंडा भी सदन में दोबारा लाया जाएगा। नगर निगम ने इस बार विभिन्न राज्यों की अदालतों के फैसलों को आधार बनाकर नया प्रस्ताव तैयार किया है, ताकि इसे प्रशासन की ओर से खारिज न किया जा सके। यह मांग काफी पुरानी है और नगर निगम पहले भी कई बार प्रस्ताव पास कर चुका है, लेकिन प्रशासन द्वारा इसे मंजूरी नहीं दी गई थी। लाल डोरे के बाहर के घरों को पानी का कनेक्शन देने की मांग काफी पुरानी है। नगर निगम खुद कई बार प्रस्ताव को पास करके प्रशासन को भेज चुका है, लेकिन प्रशासन हर बार इसे खारिज कर देता है। इस बार निगम ने पहले से अधिक ठोस आधार तैयार किया है। प्रस्ताव को मजबूत बनाने के लिए निगम ने उन राज्यों की अदालतों के फैसलों का हवाला दिया है जहां इसी तरह के मामलों में लोगों को अस्थायी जल आपूर्ति की अनुमति दी गई है। इन न्यायिक निर्णयों को मिसाल के तौर पर पेश करते हुए निगम ने तर्क दिया है कि पानी एक मूलभूत आवश्यकता है और इसे कानूनी या तकनीकी अड़चनों की वजह से नहीं रोका जाना चाहिए। वर्ष 2021 में नगर निगम की सदन की बैठक में लाल डोरे के बाहर के घरों को पानी का कनेक्शन देने का प्रस्ताव पास हो गया था, लेकिन प्रशासन ने मंजूरी नहीं दी। पिछले साल अक्तूबर में एक कमेटी भी बनी थी, जिसने कानूनी पहलुओं का अध्ययन किया था। अगर अब प्रशासन मंजूरी देता है तो 22 गांव में 2500 से ज्यादा लोगों को कनेक्शन मिलेंगे।