- by Vinita Kohli
- Jan, 01, 2025 04:21
चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू), गांधीनगर के अस्थाई और स्थाई परिसर की स्थापना के लिए पंचकूला में निशुल्क भूमि की पेशकश की है। इस बारे में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। इस पत्र में मुख्यमंत्री ने परियोजना को शीघ्र मंजूरी देने का आग्रह भी किया है। पत्र के अनुसार हरियाणा सरकार ने पहले 15 नवंबर, 2022 को पंचकूला में एनएफएसयू परिसर स्थापित करने के लिए एक अर्ध-सरकारी पत्र के माध्यम से केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुमति मांगी थी। मामले को एनएफएसयू गांधीनगर को भेज दिया गया, जिसने फिर एक समिति बनाई। समिति ने अगस्त महीने में पंचकूला में प्रस्तावित भूमि का निरीक्षण किया और केंद्रीय गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी।
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस पहल से न केवल हरियाणा में फोरेंसिक विज्ञान की शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि राज्य के युवाओं के लिए इस क्षेत्र में नए अवसर भी पैदा होंगे। गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने जानकारी दी कि प्रदेश सरकार इस बारे में आवश्यक अधिसूचनाएं और दिशा-निर्देश आदि जारी करके सभी हितधारक विभागों के बुनियादी ढांचे और मानव संसाधनों की क्षमता को बढ़ाकर नए आपराधिक कानूनों के प्रावधानों को पूरी तरह से लागू करने वाला पहला राज्य बनने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। डॉ. सुमिता मिश्रा ने परियोजना के बारे में कहा कि राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना हरियाणा सरकार द्वारा राज्य के छात्रों के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम होगा, खासकर नए आपराधिक कानूनों भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के संदर्भ में इसकी महती भूमिका रहेगी। यह संस्थान छात्रों को आधुनिक फोरेंसिक तकनीकों और न्यायिक विज्ञान की शिक्षा प्रदान करेगा, जिससे वे कानून प्रवर्तन और न्यायिक प्रक्रियाओं में प्रभावी रूप से योगदान दे सकेंगे।
राज्य सरकारका क्षमता निर्माण और बुनियादी ढांचे की मजबूती पर फोकस
गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा बताया कि राज्य सरकार उपकरणों के आधुनिकीकरण, क्षमता निर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इस संबंध में राज्य सरकार ने अतिरिक्त 17 एमएफएसयू, 9 विष विज्ञान प्रभागों को मंजूरी दी है और एफएसएल के लिए आधुनिक उपकरणों की खरीद के लिए 68.70 करोड़ रुपये की राशि भी मंजूर की है। नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन के बाद से एफएसएल हरियाणा में स्वीकृत पदों की संख्या 351 से बढ़ाकर 599 (70.7 प्रतिशत) और तैनात अधिकारियों की संख्या 167 से बढ़ाकर 342 (104.8 प्रतिशत) तक वृद्धि की गई है। इनमें 257 नव सृजित पदों की भर्ती प्रक्रिया जारी है। उन्होंने बताया कि साथ ही प्रमुख तकनीकी उन्नयन ने सामूहिक रूप से राज्य की फोरेंसिक क्षमता और दक्षता को बदल दिया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में स्थापित राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) विशेष रूप से संवेदनशील मामलों के लिए डीएनए और फोरेंसिक रिपोर्ट में तेजी ला रही है। उन्होंने जानकारी दी कि कुछ जिलों फरीदाबाद, करनाल, डबवाली और फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र, सिरसा और रेवाड़ी ने रिपोर्ट में उत्कृष्ट परिणाम दिखाए हैं। इससे सजा दर 75प्रतिशत से अधिक हुई है।