- by Vinita Kohli
- Jan, 01, 2025 04:21
चंडीगढ़ : नायब सरकार ने तहसीलों में फैल रहे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सख्त कदम उठाया है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने 370 भ्रष्ट पटवारियों की सूची जारी की है। खास बात यह है, इनमें 170 पटवारी ऐसे हैं, जिन्होंने आगे सहायक रखे हुए हैं। नए साल में भ्रष्टाचार एक्शन लेते हुए नायब सरकार ने सबसे बड़ी कार्रवाई की है। 370 पटवारियों के साथ उनके सहायकों की सूची जारी होने के बाद तहसीलों में हड़कंप मच गया है। इतना ही नहीं, लिस्ट के साथ पटवारियों द्वारा रुटीन के कार्यों के लिए मांगे जाने वाली राशि का भी उल्लेख किया गया है। अहम पहलू यह भी है कि सहयोगियों में कुछ ऐसे हैं, जो पटवारी के पद से ही रिटायर हुए हैं। आम लोगों से जमीन की पैमाइश, गिरदावरी, इंतकाल व रिकार्ड ठीक करने के नाम पर इन पटवारियों द्वारा पैसे की डिमांड करने के आरोप हैं। सरकार ने जिस तरह से यह कार्रवाई की है, इससे स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में इन पटवारियों पर प्रशासनिक गाज भी गिर सकती हैं। सूत्रों का कहना है कि सीआईडी द्वारा बड़े ही गोपनीय तरीके से फील्ड में लंबा समय लगाने के बाद भ्रष्ट पटवारियों के नाम तय किए हैं। विभाग की ओर से तैयार की गई 370 भ्रष्ट पटवारियों व 170 उनके सहयोगियों की लिस्ट सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गई है। सबसे बड़ी बात यह है कि भ्रष्ट पटवारियों की लिस्ट में उनके नाम के साथ-साथ उनकी जातियां भी बताई गई हैं। इसी तरह से पटवारियों द्वारा रखे गए सहयोगियों के नाम भी लिस्ट में शामिल हैं। इन पटवारियों की बदली भी होने की संभावना बढ़ गई है।
पटवारियों ने निजी स्तर पर खोल हुए थे कार्यालय
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा भ्रष्ट पटवारियों की लिस्ट सभी मंडलायुक्तों व जिला उपायुक्तों को भेजी है और इस पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। पंद्रह दिन में जिलों के अधिकारियों को मुख्यालय में एक्शन टेकन रिपोर्ट भेजनी होगी। खुफिया विभाग की जांच में यह बात भी सामने आई है कि कई ऐसे पटवारी हैं, जिन्होंने अपने घरों या दूसरे ठिकानों पर प्राइवेट कार्यालय खोले हुए हैं। ये पटवारी अपने सहयोगियों के माध्यम से डील करते हैं। पैसों का लेन-देन भी कई पटवारी सहयोगियों के मार्फत ही करते हैं।
तहसीलों में भी होगा एक्शन
खुफिया विभाग की टीम तहसीलों में भी अपने काम में जुटी हैं। माना जा रहा है कि पटवारखानों के बाद अब तहसीलों सरकार सर्जिकल स्ट्राइक करने की तैयारी में हैं। क्योंकि, प्रदेश की तहसीलों में रजिस्ट्री क्लर्क का बोलबाला रहता है। बिना रजिस्ट्री क्लर्क के मार्क किए जमीनों की रजिस्ट्री व इससे जुड़े दूसरे काम नहीं हो पाते। कई ऐसे रजिस्ट्री क्लर्क हैं, जो पैसों का लेन-देन होने के बाद ही रजिस्ट्री डाक्यूमेंट्स पर मार्क करते हैं। इसके बाद फोटो होता है और रजिस्ट्री को कंप्यूटर में दर्ज किया जाता है।
सरकार की कार्रवाई गलतः पटवारी एसोसिएशन
पटवारी एसोसिएशन के अध्यक्ष जयवीर सिंह चहल का कहना है कि सरकार की यह कार्रवाई पूरी तरह से गलत है और हम इसका विरोध करते हैं। किसी भी सरकारी कर्मचारी का नाम इस तरह से भ्रष्टाचार के आरोप के साथ पब्लिक करना सही नहीं है। एक-दो दिन में ही एसोसिएशन की बैठक बुलाकर चर्चा होगी और आगे का फैसला लिया जाएगा।
कैथल व सोनीपत में अधिक भ्रष्टाचार
सरकार द्वारा तैयार की गई भ्रष्ट पटवारियों की लिस्ट के हिसाब से सबसे अधिक भ्रष्टाचार कैथल और सोनीपत जिला में है। कैथल जिला के 46 भ्रष्ट पटवारियों और उनके 7 सहयोगियों के नाम सामने आ हैं। इसी तरह सोनीपत में 41 पटवारी और 15 सहयोगियों के नाम लिस्ट में हैं। वहीं पंचकूला में एक भी पटवारी और सहयोगी का नाम नहीं है। इस लिस्ट के हिसाब से रोहतक व अंबाला जिला में सबसे कम 5-5 भ्रष्ट पटवारियों के नाम इस लिस्ट में शामिल हैं।