- by Vinita Kohli
- Jan, 01, 2025 04:21
चंडीगढ़ : दिशा निर्देशानुसार राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष व पारदर्शी तरीके से सम्पन्न करवाने के प्रति जवाबदेह है। भारत निर्वाचन आयोग ने भी राजनीतिक दलों से 30 अप्रैल तक सुझाव आमंत्रित किये हैं। इसके अलावा राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि आयोग से नई दिल्ली व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए भी समय मांग सकते हैं। पिछले 1 महीने से निर्वाचन आयोग ने 1 करोड़ से अधिक चुनाव अधिकारियों व कर्मचारियों की क्षमता वृद्धि के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये हैं। उन्होंने बताया कि राज्यों के चुनाव पंजीयन अधिकारियों, जिला निर्वाचन अधिकारियों व मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के स्तर पर राजनीतिक पार्टियों के लगभग 5 हजार प्रतिनिधियों के साथ बैठकें आयोजित की गई।
उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने जानकारी दी है कि लोकतंत्र के मजबूत स्तंभ में लगभग 100 करोड़ पंजीकृत मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करते हैं और इससे विदेशों में भारत की साख एक मजबूत लोकतंत्र के रूप में जानी जाती है। उन्होंने बताया कि यूआईडीएआई तथा इस क्षेत्र से जुड़े अन्य विशेषज्ञों के साथ भी शीघ्र ही तकनीकी पहलुओं पर परामर्श लेगा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि एक मतदाता उसी मतदान केंद्र पर अपना वोट डाल सकता है। आयोग ने देशव्यापी स्तर पर डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र को खत्म करने के लिए एक विशेष मतदाता फोटो पहचान पत्र बनाने की शुरुआत की है जिसे तीन महीनों में पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि त्रुटि रहित मतदाता सूची तैयार करने में राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट की अहम भूमिका होती है जो बूथ लेवल अधिकारी को मतदाता बारे सटीक जानकारी उपलब्ध कराता है। संशोधित मतदाता सूची तैयार करने की एक निरंतर प्रक्रिया मुख्य निर्वाचन अधिकारी के द्वारा की जाती है। राजनीतिक दलों की चुनाव प्रक्रिया में भागीदारी सुनिश्चित करने की प्रक्रिया को अखिल भारतीय स्तर पर मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को पूरा करना है।