- by Vinita Kohli
- Jan, 01, 2025 04:21
सोनीपत : सोनीपत स्थित अशोका यूनिवर्सिटी के शिक्षकों के बाद, इसके छात्रों ने भी एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की गिरफ्तारी को न केवल अकादमिक स्वतंत्रता का बल्कि उन सिद्धांतों का भी ‘घोर उल्लंघन’ बताया है, जिनकी शिक्षा उन्होंने दी और जिनके लिए वे खड़े रहे। छात्रों ने महमूदाबाद की गिरफ्तारी को ‘गलत’ बताते हुए उनकी तत्काल रिहाई की मांग भी की। हरियाणा पुलिस ने अशोका यूनिवर्सिटी के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख महमूदाबाद को रविवार को गिरफ्तार किया। उनके खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की गईं और आरोप लगाया गया कि ऑपरेशन सिंदूर पर उनके सोशल मीडिया पोस्ट ने देश की संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डाला। सोनीपत जिले के राई थाने में प्राथमिकी दर्ज की गईं। इनमें एक हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया की शिकायत पर और दूसरी एक गांव सरपंच की शिकायत पर दर्ज की गईं। विश्वविद्यालय के संकाय संघ ने रविवार को एक बयान में महमूदाबाद की गिरफ्तारी की निंदा की और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की।
महमूदाबाद के समर्थन में विश्वविद्यालय के छात्रों ने सोमवार को एक बयान में कहा, हम ‘बैनिश द पोइट्स’ पाठ्यक्रम के छात्र, अपने प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के साथ मजबूती से और एकजुटता से खड़े हैं। उन्होंने कहा, पूरे पाठ्यक्रम के दौरान, प्रोफेसर खान ने प्रेम पर व्याख्यान दिया, लगातार तर्क, करुणा, न्याय और विचार की स्वतंत्रता जैसे धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर जोर दिया, जो सार्थक संवाद की नींव हैं। छात्रों ने कहा, उनकी गलत तरह से गिरफ्तारी न केवल अकादमिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है, बल्कि उन सिद्धांतों का भी उल्लंघन है, जो उन्होंने हमें सिखाए और जिनके लिए वे खड़े थे। छात्रों ने कहा कि महमूदाबाद ने लिखित शब्द की शक्ति पर जोर दिया और उन्हें बोलने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बयान में कहा, उन्होंने हमें अपने देश और उसके संविधान के प्रति कभी भी अनादर व्यक्त नहीं करना सिखाया। महमूदाबाद को सिद्धांतवादी शिक्षाविद, एक शानदार वक्ता, एक दयालु मार्गदर्शक और बहादुर शिक्षाविद करार देते हुए छात्रों ने कहा, हम बहुत भाग्यशाली हैं जो हमें उनसे सीखने को मिला। कांग्रेस, माकपा, एआईएमआईएम और तृणमूल कांग्रेस ने भी महमूदाबाद के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा की है।