- by Vinita Kohli
- Jan, 01, 2025 04:21
चंडीगढ़ : 38वें सूरजुकंड क्राफ्ट मेले का केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी विधिवत तौर रिबन काटकर उद्घाटन किया। इसके उपरांत उन्होंने एक-एक करके मेले के स्टॉल का अवलोकन किया। थीम स्टेट उड़ीसा के पैवेलियन का किया दौरा और दोनों मेहमानों ने हरियाणा पैवेलियन में दोनों ने हरियाणवी पगड़ी बंधवाई। सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला 7 फरवरी से 23 फरवरी तक चलेगा, जिसमें देश-विदेश के शिल्पकारों और कलाकारों की अद्भुत कला, शिल्प और प्रतिभा देखने को मिलेगी। केंद्रीय मंत्री ने सूरजकुंड मेले को देखकर यहां के इंतजाम और व्यवस्थाओं की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और हरियाणा सरकार ने बेहद सुंदर व्यवस्था की है।
यह मेला कला और संस्कृति का अद्भुत संगम है। इस तरह के आयोजन आने वाली युवा पीढ़ी को हमारी संस्कृति से रूबरू होने का मौका देते है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि आज के युग में दुनिया के विभिन्न देशों द्वारा कल्चरल क्रिएटिव इकॉनमी को अर्थव्यवस्था में ऑरेंज इकॉनमी के नाम से औपचारिक रूप से मान्यता प्रदान की है। यह भारत के शिल्पकारों, दस्तकारों व हुनरमंदों के लिए सौभाग्यपूर्ण अवसर है। इस समय में भारत के हस्तशिल्प को भी एक नया बाजार मिले, इसकी संभावनाओं का द्वार खुल गया है। सुरजकुंड का यह मेला इस दिशा में एक बड़े मंच के रूप में उभरेगा। उन्होंने कहा कि विदेशी पर्यटन के साथ-साथ जिस तरह देशी पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है, उससे पर्यटन के क्षेत्र में भारत को नई ऊंचाइयां देखने को मिली है।
परंपरा, विरासत और संस्कृति की त्रिवेणी है सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि सूरजकुण्ड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला पिछले 37 वर्षों से शिल्पकारों और हथकरघा कारीगरों के लिए अपना हुनर प्रदर्शित करने का बेहतरीन मंच रहा है। यह मेला परंपरा, विरासत और संस्कृति की त्रिवेणी है, जो भारत के ही नहीं, बल्कि दुनिया-भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। हरियाणा सरकार प्रदेश में शिल्पकला को बढ़ावा देने के लिए इसी तरह के मंच प्रदान कर रही है। इस शिल्प मेले के अलावा जिला स्तर पर सरस मेले लगाए जाते हैं, जिनमें शिल्पकारों और बुनकरों को अपनी शिल्पों का प्रदर्शन करने का अवसर मिलता है। कुरुक्षेत्र में हर साल अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर भी भव्य सरस मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें देशभर के शिल्पकार शामिल होते हैं। इसके अलावा, अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव पर भी सरस मेलों का आयोजन किया जाता है।