- by Vinita Kohli
- Jan, 12, 2025 06:23
कालका : पिछले काफी लंबे समय से सिविल हॉस्पिटल कालका में मरीजों को पेश आ रही दिक़्क़तों के बारे में शिकायतें प्राप्त हो रही थी। जगमार्ग के पत्रकार सुभाष कोहली ने दिनांक 13-06-2025 को रात 08:00 बजे हॉस्पिटल में जाकर मरीजों की समस्याओं को जाना। हॉस्पिटल में दाखिल मरीजों ने अपनी-अपनी समस्याएं बताकर हॉस्पिटल प्रबंधन की पोल खोली। महिला वार्ड में दाखिल एक महिला मरीज के तीमारदार ने बताया कि 3 दिन पहले मरीज को दाखिल करवाया था, आज तक उसका बुखार चैक नहीं किया गया। मरीजों ने बताया की हॉस्पिटल में पीने के पानी की समस्या है। मजबूरी में बाज़ार से पानी की बोतल खरीदनी पड़ती है, या फिर घर से मंगवाना पड़ता है। महिला वार्ड में ना तो कूलर की व्यवस्था है, ओर ना ही एसी की। छत पर लगे पंखे केवल नाममात्र के ही लगे हैं, गर्म हवा आती है। मरीज के साथ आये तीमारदार की भी हालत खराब हो रही है। एक अन्य महिला मरीज के पति शुभम ने बताया कि वार्ड में थर्मामीटर तक नहीं है, अपनी पत्नी का बुखार चैक करवाने के लिए मुझे बाज़ार से थर्मामीटर खरीद कर नर्स को देना पड़ा। कुछ मरीजों ने बताया कि डॉक्टर व नर्स का मरीजों के प्रति व्यवहार सही नहीं होता, बदतमीजी से पेश आते हैं।
पत्रकार ने रात के समय विजिट के दौरान देखा कि महिला व पुरूष दोनों शौचालयों के दरवाजों पर ताले जड़े हुए थे। रात के समय कोई एम्बुलेंस भी उपलब्ध नहीं थी। ना तो इमरजेंसी गेट पर, ओर ना ही मेन गेट पर कोई सुरक्षा कर्मचारी ड्यूटी पर था। इस हॉस्पिटल में रात के समय चोरी के मामले सामने आ चुके हैं। कुछ माह पहले डेराबस्सी के सरकारी हॉस्पिटल में रात के समय दो पक्षों में खूनी झड़प देखने को मिली थी। हॉस्पिटल का सामान एवं इंस्ट्रूमेंट तहस महस कर दिये गए, आनन फानन में हॉस्पिटल प्रबंधन को पुलिस को बुलाना पड़ा था। इसके अलावा वर्ष 2024 के दौरान कालका निवासी रावीश कुमार के द्वारा सिविल अस्पताल कालका के एक डॉक्टर के खिलाफ रात्रि के समय ड्यूटी के दौरान उसके सोने की शिकायत सीएम विंडो पर दर्ज करवाई गई थी। हॉस्पिटल में एक ही सिक्योरिटी गार्ड है, ज्यादा सिक्योरिटी गार्ड की जरूरत है हायर ऑथोरिटी को लिख कर भेजा हुआ है। हॉस्पिटल की अपनी एक एम्बुलेंस है, जरूरत पड़ने पर आसपास के हस्पतालों से मंगवा लेते हैं। हस्पताल में थर्मामीटर होता है, मरीज ने अपने आप ही बाजार से खरीद कर दिया है उस पर कोई दबाव नहीं डाला गया। हस्पताल में दाखिल मरीजों का जरूरत पड़ने पर बीपी चेक किया जाता है, ना चेक करने वाला आरोप गलत है। कूलर अभी आये हैं, 2-3 इंस्टाल कर दिये गए हैं, अभी और करने वाले हैं। एसएमओ दफ्तर के बाहर कम्प्लेंट बॉक्स लगा हुआ है, यदि किसी मरीज को शिकायत होती है, तो वह अपनी शिकायत कम्प्लेंट बॉक्स में डाल देता है।