- by Super Admin
- Jun, 10, 2024 02:30
चंडीगढ़ : पंजाब के रूपनगर जिले के आनंदपुर साहिब में ज्ञानी कुलदीप सिंह गडगज ने सोमवार को तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार का पदभार ग्रहण कर लिया और इस मौके पर वहां तख्त के पंज प्यारे भी मौजूद थे। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने सात मार्च को कुलदीप सिंह गडगज को तख्त केसगढ़ साहिब का जत्थेदार नियुक्त किया। वह अमृतसर में सिखों की सर्वोच्च धार्मिक पीठ अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार के रूप में भी सेवाएं देंगे। यह नियुक्ति एसजीपीसी द्वारा ज्ञानी रघबीर सिंह को अकाल तख्त के जत्थेदार के पद से और ज्ञानी सुल्तान सिंह को तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार के पद से हटाए जाने के बाद की गई थी। इन दोनों को जत्थेदार के पद से हटाए जाने के एसजीपीसी कार्यकारी समिति के फैसले की वरिष्ठ शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) नेता बिक्रम सिंह मजीठिया और उनकी पार्टी के कुछ सहयोगियों समेत विभिन्न सिख, अकाली और अन्य राजनीतिक नेताओं ने कड़ी निंदा की।
सिख धर्म की पांच प्रमुख संस्थाओं में अकाल तख्त और तख्त केसगढ़ संस्थान भी शामिल हैं। कुलदीप सिंह गडगज ने सोमवार को जत्थेदार का पदभार संभालने से पहले तख्त केसगढ़ साहिब में मत्था टेका। समारोह से पहले तख्त के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जोगिंदर सिंह ने अरदास की, जिसके बाद पंज प्यारों ने कुलदीप सिंह गडगज को औपचारिक तौर पर पगड़ी भेंट की। एसजीपीसी सचिव प्रताप सिंह और तख्त केसगढ़ साहिब के प्रबंधक मलकीत सिंह ने भी उनके सम्मान में उन्हें पगड़ी भेंट की। इसके अलावा, तख्त केसगढ़ साहिब के ‘ग्रंथियों’ ने उन्हें ‘सिरोपा’ से सम्मानित किया। अपने संबोधन में कुलदीप सिंह गडगज ने वर्तमान पंथिक स्थिति के मद्देनजर पूरे सिख समुदाय से एक ‘निशान साहिब’ के तहत एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने तख्त की सेवा करने का सम्मान प्रदान करने के लिए 10 सिख गुरुओं और गुरु ग्रंथ साहिब के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की।