- by Vinita Kohli
- Jan, 01, 2025 10:33
चंडीगढ़ : पंजाब सरकार की कैबिनेट मीटिंग में नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी गई है। नए साल के लिए सरकार ने आबकारी नीति से 11 हजार 200 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। इस बार शराब के ठेके ई-टेंडरिंग के जरिए अलॉट किए जाएंगे। वहीं, जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के रजिस्ट्रेशन में भी बदलाव किया गया है। जन्म के एक साल के अंदर बच्चे का रजिस्ट्रेशन न होने पर अब परिवार को कोर्ट में जाकर आदेश पारित करवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह काम अब लोग डिप्टी कमिश्नर ऑफिस से करवा पाएंगे। वहीं, अब अगर किसी व्यक्ति की बीमारी से मौत होती है तो डॉक्टर को मृत्यु प्रमाण पत्र में उसकी मौत का कारण लिखना होगा। यह जानकारी पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कैबिनेट मीटिंग के बाद दी। साथ ही उन्होंने बताया कि पानी को प्रदूषित करने वालों पर पांच हजार से पांच लाख तक का जुर्माना लगाया जाएगा। गौ सेस प्रति लीटर शराब पर एक से डेढ़ रुपए किया गया। देसी शराब का कोटा तीन फीसदी बढ़ाया है।इसके अलावा शराब तस्करी रोकने के लिए नए आबकारी थाने बनाए जाएंगे। इसके लिए कमेटी बनाने की अनुमति दी गई। यह कमेटी बताएगी कि ये थाने कहां-कहां खोले जाएंगे।
शराब पॉलिसी में कई फीसें कर दी कम
चीमा ने बताया कि उनकी सरकार आने से पहले राज्य में कांग्रेस पार्टी की सरकार थी, उस समय एक्साइज से सारा रेवन्यू 6100 करोड़ रुपए था। हमारी सरकार आने के बाद नई एक्साइज पॉलिसी आई और राजस्व लगातार बढ़ा है। गत साल के लिए हमने दस हजार 145 करोड़ रेवन्यू तय किया था। उससे से दस हजार 200 करोड़ सरकार के खाते आने वाले हैं। जबकि मार्च महीने का राजस्व आना शेष है। जो ट्रेंड 11 महीनों से चल रहा है, उससे साफ है कि 11 200 करोड़ राजस्व आने वाले है। इस साल 11 हजार 20 करोड़ रेवन्यू का टागरेट फिक्स किया है। हमें पूरी उम्मीद है कि टारगेट को पूरा करेंगे। चीमा ने बताया कि 2022 शराब ठेके टेंडर से अलॉट किए थे, 2023 में रेन्यू किए थे, जबकि 2024 में ड्रॉ से ठेके अलॉट किए थे।
इस बार 207 ग्रुप बनाए गए हैं। ग्रुप का साइज 40 करोड़ रखा गया। प्लस माइंस 25 फीसदी रखा गया है। देसी शराब का तीन फीसदी कोटा रखा गया है। पूर्व सैनिकों के थोक शराब लाइसेंस की फीस पहले पांच लाख थी, अब फीस कम करके ढाई लाख रुपए कर दी है। फार्म में पहले लीकर रखने का लाइसेंस केवल 12 शराब बाेतल का होता था। इसमें बदलाव कर अब 36 बोतल किया गया है। लाइसेंस धारक अब बियर, वोडका व बाइन रख पाएंगे। बियर की एक्सक्लूसिव शॉप की लाइसेंस फीस घटाई गई। पहले दो लाख फीस थी, जिसे अब 25 हजार प्रति दुकान कर दिया गया। नया बॉटलिंग प्लांट को लगाने को मंजूरी दी गई। गौ सेस एक प्रति लीटर एक रुपए से डेढ़ रुपए कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री तीर्थ स्कीम में बदलाव
मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा में भी कैबिनेट मीटिंग में संशोधन किया गया है। अब स्कीम ट्रांसपोर्ट विभाग की जगह रेवन्यू विभाग के अधीन आ गई। सीएम द्वारा एक समिति गठित की जाएगी। मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा में कौन से धार्मिक स्थान शामिल होंगे। इसके लिए बाद विस्तार से प्रोग्राम जारी किया जाएगा। यह कमेटी ही सारी चीजों को देखेगी
पानी दूषित करने पर 15 लाख तक जुर्माना
कैबिनेट मीटिंग में जल संशोधन एक्ट 2024 को मंजूरी दी गई। उसके बड़ा संशोधन किया गया । पहले नियम तोड़ने पर तीन महीने से साल तक की सजा होती थी। अब नियम तोड़ने पर जेल नहीं, जबकि पांच हजार से 15 लाख तक जुर्माना भरना पड़ेगा। भारत सरकार ने एक्ट में पहले ही संशोधन किया है। इससे पहले 18 राज्यों में इसमें संशोधन किया। अब पंजाब ने इसमें संशोधन किया है। विभाग में सेक्रेटरी स्तर का का एग्जीक्यूटिव अफसर नियुक्त किया। उसके लिए चेयरमैन भी बनेगा। कंसेट में कोई संशोधन नहीं करेगा। बड़ा अपराध करने पर पुरानी सजा प्रावधान रहेगा।
अब जन्म मौत रजिस्ट्रेशन में हुआ बदलाव
पंजाब मौत रजिस्ट्रेशन एक्ट 2004 में संशोधन किया गया। अब बच्चा पैदा होने के बाद पेरेंट्स एक साल में यदि बच्चे का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते हैं तो उन्हें अदालत में जाना नहीं पड़ेगा। बल्कि यह काम डिप्टी कमिश्नर की अनुमति से हो जाएगा। इा दौरान परिजनों को सेल्फ डेक्लरेशन देना होगा। किसी भी व्यक्ति किसी भी बीमारी से मौत होती है। तो उसके डेथ सर्टिफिकेट में में मौत का कारण डॉक्टरों को लिखना पड़ेगा। उम्मीद है कि इससे काम पॉरदर्शिता आएगी।
3 हजार पदों पर भर्ती को मंजूरी
इससे पहले पंजाब कैबिनेट ने दिल्ली चुनाव नतीजों के बाद 13 फरवरी को कैबिनेट मीटिंग की थी। यह मीटिंग चार महीने बाद हुई थी। मीटिंग करीब चार घंटे चली थी। इस मीटिंग में करीब तीन हजार पदों पर भर्ती करने का फैसला लिया गया था। इसके साथ ही 23 और 24 फरवरी को विशेष सत्र बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। अब सत्र का समापन हो चुका है। सत्र में केंद्र सरकार की ओर से जारी कृषि विपणन नीति के मसौदे को भी रद्द कर दिया गया है। ऐसे में अब सरकार लोगों को जोड़ने की कोशिश करेगी। हालांकि, उस समय देरी से मीटिंग बुलाने पर सवाल उठे थे