- by Super Admin
- Jun, 23, 2024 21:28
चंडीगढ़: पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) छात्र काउंसिल चुनाव में पहली बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्टूडेंट इकाई छात्र अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने इतिहास रचते हुए अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा किया है। पीयू छात्र काउंसिल के इतिहास में एबीवीपी ने इससे पहले अन्य पद तो जीते थे, लेकिन यह पहली बार है जब एबीवीपी ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की। एबीवीपी-इनसो-एचएसआरए गठबंधन के उम्मीदवार गौरववीर सोहल छात्र काउंसिल के नए अध्यक्ष चुने गए हैं। लॉ विभाग के रिसर्च स्कॉलर गौरववीर सोहल ने रोचक मुकाबले में स्टूडेंट्स फ्रंट-एबीवीपी हिमसू गटबंधन के सुमित कुमार को 488 मतों से पराजित किया है। सोहल को 3148 और सुमित कुमार को 2660 वोट मिले। तीसरे स्थान पर एनएसयूआई के प्रभजोत सिंह गिल रहे। उन्हें 1359 वोट मिले। इससे पहले वर्ष 2022 में एबीवीपी-इनसो-हिमसू-एचपीएसयू गठबंधन के उम्मीदवार हरीश गुज्जर ने दूसरा स्थान हासिल किया था। जबकि पिछले साल छात्र काउंसिल चुनाव में एबीवीपी के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार ने तीसरा हासिल किया था। वहीं, भाजपा समर्थित छात्र संगठन एबीवीपी ने पिछले साल 11 वर्षों के बाद पीयू की छात्र राजनीति में प्रवेश किया था और बिना किसी गठबंधन के पहली बार काउंसिल में एक सीट जीती थी।
संयुक्त सचिव पद पर हुए कड़े मुकाबले में एबीवीपी के जसविंदर राणा ने जीत हासिल की। इससे पहले वर्ष 2013 में छात्र काउंसिल में एमए अंग्रेजी की छात्रा दिशा अरोड़ा ने उपाध्यक्ष पद जीत हासिल की थी। एबीवीपी ने यह चुनाव पुसू और इनसो के साथ गठबंधन में लड़ा था। 2013 से पहले, एबीवीपी वर्ष 2010 में छात्र काउंसिल का हिस्सा थी, जब उसने सचिव पद जीता था। अखिल बंसल एबीवीपी उम्मीदवार थे और पार्टी ने सोपू के साथ गठबंधन किया था। इससे पहले, एबीवीपी ने दो पदों - उपाध्यक्ष और सचिव - पर कब्ज़ा किया था। तब भी एबीवीपी का सोपू के साथ गठबंधन था। पारुल चौधरी और प्रशांत शर्मा क्रमशः उपाध्यक्ष और सचिव चुने गए थे। इससे पहले चंडीगढ़ के पूर्व मेयर देवेश मौदगिल ने संयुक्त सचिव का पद जीता था। इस बार अध्यक्ष पद के लिए आठ उम्मीदवारों के बीच मुकाबला था। पिछले दो सालों की तरह इस साल भी पीयू छात्र काउंसिल चुनाव में चारों पदों पर अलग अलग संगठनों ने जीत हासिल की है। इस साल चुनाव में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव पदों पर अलग अलग छात्र संगठनों के उम्मीदवार जीते। इस साल किसी भी छात्र संगठन ने चुनाव में पूरा पैनल खड़ा नहीं किया था। ऐसे में पीयू छात्र काउंसिल का इस बार मिला जुला परिणाम रहा जिससे आगे काउंसिल के सदस्यों में मतभेद हो सकता है।
पीयू छात्र काउंसिल चुनाव में उपाध्यक्ष पद पर सथ के उम्मीदवार ने जीत हासिल की। अशमीत सिंह ने स्टूडेंट्स फ्रंट-एबीवीपी फ्रंट-पुसू-सोपू-हिमसू गठबंधन उम्मीदवार नवीन कुमार को 650 वोटों से पराजित किया। अशमीत सिंह को 3478 और नवीन कुमार को 2828 वोट हासिल हुए। तीसरे स्थान पर एबीवीपी-इनसो-एचएसआरए गठबंधन के नवदीप सिंह रहे। सचिव पद पर स्टूडेंट्स फ्रंट-एबीवीपी फ्रंट-पुसू-सोपू-हिमसू गठबंधन के उम्मीदवार अभिषेक डागर ने जीत हासिल की। उन्होंने एबीवीपी-इनसो-एचएसआरए गठबंधन के उम्मीदवार विशेष आनंद ढाका को 722 मतों से पराजित किया। अभिषेक डागर को 3438 और विशेष आनंद ढाका को 2716 वोट मिले। तीसरे स्थान पर कोमलप्रीत कौर रहीं। वहीं, संयुक्त सचिव पद पर निर्दलीय उम्मीदवार मोहित मंडरेना ने जीता। उन्हें एनएसयूआई के उम्मीदवार का समर्थन हासिल था। उन्होंने आर्यन वर्मा को 318 मतों से पराजित किया। मोहित को 3138 और आर्यन को 2820 वोट मिले। तीसरे स्थान पर सिद्धार्थ बूरा रहे।
पीयू में बने थे 171 पोलिंग बूथ, कड़ी सुरक्षा में हुआ चुनाव
वोटों की गिनती कैंपस के जिम्नेजिम हाल में हुई। पीयू में कड़ी सुरक्षा की गई थी। पीयू कैंपस में कुल 171 पोलिंग बूथ बनाए गए थे। कुल 62 विभागों में मतदान हुआ था। इन 62 विभागों में विभागीय प्रतिनिधियों (डीआर) का भी चुनाव हुआ था। पीयू कैंपस और शहर के कालेजों में नई छात्र काउंसिल के गठन के लिए सुबह 9.30 बजे मतदान शुरू होना था। हालाकि तेज बारिश के कारण सुबह 10.45 तक आने वावे छात्रों को भी मतदान करने की इजाजत दी गई थी। पीयू में जगह-जगह पर पुलिस ने नाकेबंदी की हुई थी। पीयू के 16124छात्रों ने मतदान मे हिस्सा लिया।