- by Vinita Kohli
- Jan, 02, 2025 05:50
चंडीगढ़ : शहर की मेयर हरप्रीत कौर बबला ने नगर निगम चंडीगढ़ द्वारा “वुमेन फॉर ट्रीज” अभियान की शुरुआत की जो कि केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए अमृत मित्र कार्यक्रम के तहत एक प्रमुख पहल है। इस अभियान का औपचारिक शुभारंभ सामुदायिक केंद्र, सारंगपुर से नगर निगम आयुक्त अमित कुमार, संयुक्त आयुक्त सुमित सिहाग, चीफ इंजीनियर संजय अरोड़ा, एरिया काउंसलर राम चंद्र यादव तथा नगर निगम के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और शहर स्तर के स्वयं सहायता समूहों के पदाधिकारियों की उपस्थिति में किया गया। भारत सरकार की "एक पेड़ माँ के नाम" पहल से प्रेरित होकर, इस लिंग-समावेशी कार्यक्रम का उद्देश्य शहरी हरित स्थानों को मजबूत करना और वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), विशेष रूप से महिलाओं को सक्रिय रूप से शामिल करना है। मेयर और आयुक्त ने शहर स्तर के स्वयं सहायता समूहों के 100 स्वयंसेवकों को तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान उपयोग के लिए अभियान किट वितरित किए। गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सेक्टर 37 के विद्यार्थियों ने स्वागत गीत के अलावा पेड़ों को बचाने और आसपास के वातावरण में पेड़ लगाने और उगाने के महत्व पर गीत और कविताएं प्रस्तुत कीं।
शहर स्तर के स्वयं सहायता समूहों के पदाधिकारियों और सदस्यों को संबोधित करते हुए मेयर ने कहा कि वृक्षारोपण की पहल से महिलाओं को विविध आर्थिक अवसर मिल सकते हैं। उदाहरण के लिए, महिलाएं नर्सरी की स्थापना, पौधे लगाने और रखरखाव की गतिविधियों में शामिल होकर आय अर्जित कर सकती हैं और रोजगार के अवसर पैदा कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि जब महिलाओं को इन अवसरों तक पहुंच मिलती है, तो इसका व्यापक प्रभाव पड़ता है, जिसका पूरे समुदाय और अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। मेयर ने आगे कहा कि वृक्षारोपण से महिलाओं को सामाजिक रूप से भी सशक्त बनाया जा सकता है। महिलाएं समुदाय-आधारित पहलों, जैसे कृषि वानिकी तकनीक, नर्सरी प्रबंधन और व्यवसाय विकास में भाग लेकर मूल्यवान कौशल और ज्ञान प्राप्त कर सकती हैं। ये कौशल उनके आत्मविश्वास को बढ़ा सकते हैं और उन्हें सामुदायिक नेतृत्व की भूमिका निभाने में सक्षम बना सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि वृक्षारोपण सामाजिक सामंजस्य को भी बढ़ावा दे सकता है और सामुदायिक बंधनों को मजबूत कर सकता है। महिलाएँ वृक्ष नर्सरी स्थापित करने और उनका प्रबंधन करने, पेड़ लगाने और उनकी वृद्धि की निगरानी करने के लिए मिलकर काम कर सकती हैं। यह सहयोगात्मक प्रयास महिलाओं को चुनौतियों का सामना करने और सामूहिक रूप से अपने अधिकारों की वकालत करने के लिए सशक्त बना सकता है। अभियान के बारे में बताते हुए नगर निगम आयुक्त अमित कुमार ने कहा कि यह पहल तीन अलग-अलग चरणों में शुरू की जाएगी। पहले चरण (21 - 23 मई 2025) में स्वयं सहायता समूह, अमृत और डीएवाई-एनयूएलएम अधिकारियों के साथ मिलकर साइट का दौरा करेंगे, आकलन करेंगे और वृक्षारोपण के लिए योजनाएं विकसित करेंगे। उन्होंने आगे बताया कि चंडीगढ़ में चयनित स्थानों में बड़े पार्क, ग्रीन बेल्ट्स, नेबरहुड पार्क, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स और शहर भर के सामुदायिक केंद्रों में परिसर शामिल हैं।