- by Vinita Kohli
- Jan, 02, 2025 05:50
चंडीगढ़ : पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआई), चंडीगढ़ के एडवांस्ड कार्डियक सेंटर (एसीसी) ने चिकित्सा क्षेत्र में एक और उपलब्धि अपने नाम करते हुए एक जटिल हृदय प्रक्रिया का सफलतापूर्वक लाइव प्रसारण किया। यह प्रक्रिया 28 जून को की गई और इसे मुंबई में आयोजित नेशनल इंटरवेंशनल काउंसिल (एनआईसी 2025) सम्मेलन के दौरान देश-विदेश के हृदय रोग विशेषज्ञों को दिखाया गया। यह लाइव केस प्रोफेसर (डॉ.) राजेश विजयवर्गीय के नेतृत्व में कार्डियोलॉजी विभाग की विशेषज्ञ टीम द्वारा पीजीआई के अत्याधुनिक कैथेटराइजेशन लैब से प्रसारित किया गया। प्रक्रिया में एक वृद्ध पुरुष मरीज का इलाज किया गया, जिसने 15 वर्ष पूर्व कोरोनरी बायपास सर्जरी और 4 वर्ष पहले बायपास ग्राफ्ट में एंजियोप्लास्टी करवाई थी। मरीज को हाल ही में छाती में दर्द की शिकायत के बाद भर्ती किया गया था, जिसके पीछे पहले लगाए गए स्टेंट का ब्लॉक हो जाना और अन्य ग्राफ्ट्स में नई रुकावटें पाई गईं। इस जटिल प्रक्रिया के दौरान दो ब्लॉक बायपास ग्राफ्ट्स का सफल इलाज किया गया। इलाज में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी की अत्याधुनिक तकनीकों जैसे इन्ट्रावास्कुलर अल्ट्रासाउंड (आईवीयूएस) और ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी (ओसीटी) का उपयोग किया गया, जो भारत के कुछ चुनिंदा केंद्रों में ही उपलब्ध हैं।
प्रोफेसर विजयवर्गीय का कहना है कि यह तकनीकी रूप से बेहद चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया थी, जिसे स्पेशल स्किल और सटीकता की आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया कि यह उपलब्धि हमारे उस निरंतर प्रयास को दर्शाती है जिसमें हम यह सुनिश्चित करते हैं कि विश्वस्तरीय हृदय चिकित्सा सेवाएं आम जनता को भी किफायती दरों पर उपलब्ध हों। इस लाइव प्रसारण के दौरान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के बीच केस की जटिलता, उपकरण चयन और वैकल्पिक उपचार विधियों को लेकर गहन चर्चा हुई। यह सत्र चिकित्सा शिक्षा के दृष्टिकोण से अत्यंत लाभकारी रहा। प्रो. विजयवर्गीय ने यह भी स्पष्ट किया कि कार्डियोलॉजी विभाग से इस प्रकार के लाइव केस नियमित रूप से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक मंचों पर प्रसारित किए जाते हैं। उनके अनुसार ये प्रदर्शन इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट को नवीनतम और प्रमाण आधारित तकनीकों से अवगत कराते हैं, जिससे चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में निरंतर सुधार होता है।