- by Vinita Kohli
- Jan, 02, 2025 05:50
 
                            
चंडीगढ़ : चंडीगढ़ में सोमवार को ट्राइसिटी कैब एसोसिएशन द्वारा सेक्टर-18 स्थित एसटीए कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया, लेकिन इस हड़ताल को शहर की प्रमुख कैब और ऑटो यूनियनों का समर्थन नहीं मिला। यूनियनों ने इस विरोध को ड्राइवर हितों के विरुद्ध बताया और इसे टकराव की बजाय संवाद के ज़रिए सुलझाने की बात कही। कैब यूनियन के अध्यक्ष अमनदीप सिंह और ऑटो यूनियन अध्यक्ष अनिल कुमार ने अपने सैकड़ों साथियों के साथ मिलकर इस हड़ताल से दूरी बनाई। उनका कहना है कि फिलहाल प्रशासन से बातचीत का सिलसिला जारी है और ऐसे में अचानक प्रदर्शन का कोई औचित्य नहीं बनता। कैब यूनियन संयोजक सुमित छाबड़ा ने बताया कि यूनियन पहले ही चंडीगढ़ प्रशासन को तीन मुख्य सुझाव दे चुकी है। इनमें मांग की गई है कि शुरुआती तीन किलोमीटर की दूरी के लिए तय न्यूनतम किराए से किसी भी प्रकार का कमीशन या टैक्स न काटा जाए। दूसरी मांग यह है कि यदि ग्राहक की लोकेशन ड्राइवर से तीन किलोमीटर से अधिक दूर है, तो एग्रीगेटर कंपनियां उस दूरी के लिए ड्राइवर को उचित मुआवज़ा दें।
तीसरे बिंदु में यूनियन ने यह भी कहा है कि यदि कंपनियां ग्राहक को कोई छूट देती हैं, तो उसकी भरपाई ड्राइवर की आमदनी से नहीं की जानी चाहिए। छाबड़ा ने स्पष्ट किया कि यूनियन टकराव नहीं चाहती, बल्कि एक संतुलित और व्यावहारिक नीति लागू करने के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि किसी भी नीति को लागू करने से पहले ड्राइवरों समेत सभी संबंधित पक्षों से राय लेना ज़रूरी है, ताकि किसी को नुकसान न हो। ऑटो यूनियन अध्यक्ष अनिल कुमार ने इस हड़ताल को राजनीतिक बताया और कहा कि कुछ लोगों ने निजी प्रचार के लिए ड्राइवरों को गुमराह कर प्रदर्शन में शामिल किया। उन्होंने दावा किया कि इससे ड्राइवरों की वास्तविक समस्याओं पर ध्यान भटकता है। कैब यूनियन अध्यक्ष अमनदीप सिंह ने जानकारी दी कि यूनियन जल्द ही राज्यपाल से दोबारा मिलकर अपनी बात रखेगी और तब तक किसी भी निर्णय को टालने की अपील करेगी। यूनियन का मानना है कि एकतरफा फैसले भविष्य में ड्राइवरों के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं।