- by Vinita Kohli
- Jan, 02, 2025 08:28
नई दिल्ली : दिल्ली के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री प्रवेश वर्मा ने बुधवार को नाव से यमुना का निरीक्षण किया और कहा कि पिछले 10 दिन में नदी से 1,300 मीट्रिक टन कचरा निकाला गया है। बाद में, उन्होंने सफाई कार्यों की प्रगति का आकलन करने के लिए अधिकारियों के साथ एक बैठक की और कहा, दिल्ली के सभी नालों को सीवेज उपचार संयंत्रों (एसटीपी) से जोड़ा जाएगा और उनकी क्षमता बढ़ाई जाएगी ताकि अपशिष्ट जल को नदी में बहने से रोका जा सके। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हाल में संपन्न दिल्ली विधानसभा चुनाव में यमुना की सफाई का वादा किया था। उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि सीवेज उपचार संयंत्र से संबंधित शिकायतों का समाधान किया जायेगा और दो साल के भीतर सभी एसटीपी स्थापित किए जाने की उम्मीद है। वर्मा ने कहा, “2023 में दिल्ली को बाढ़ का सामना करना पड़ा। पहले सभी जलद्वार बंद कर दिए गए थे, लेकिन अब भविष्य में बाढ़ को रोकने के लिए उनकी मरम्मत कर दी गई है और उन्हें ऊंचा कर दिया गया है।”
मंत्री ने कहा, हमारी सबसे बड़ी प्रतिबद्धता यमुना को पूरी तरह से साफ करना और उसका पुनरुद्धार करना है। पिछले 10 दिन में 1,300 मीट्रिक टन कचरा निकाला जा चुका है। दिल्ली विकास प्राधिकरण नदी के तल को बहाल करेगा और अतिक्रमण हटाया जा रहा है।” भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करते हुए वर्मा ने कहा कि रासायनिक अपशिष्टों का उचित निस्तारण सुनिश्चित करने के लिए औद्योगिक क्षेत्रों में सामान्य उपचार संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, बाढ़ को रोकने के लिए आईटीओ बैराज द्वारों पर सुरक्षा दीवारों की मरम्मत और ऊंचाई बढ़ाने का काम भी जारी है। उन्होंने कहा कि नदी तटों की सफाई और हरित क्षेत्र विकसित करने के लिए विशेष अभियान भी चलाए जा रहे हैं। वर्मा ने कहा, हमने दिल्ली विकास प्राधिकरण को यमुना रिवरफ्रंट विकसित करने का निर्देश दिया है, जिससे नदी तट एक पर्यटन और सांस्कृतिक केंद्र में बदल जायेगा। उन्होंने दावा किया कि पिछले दशक में नदी की सफाई के लिए कोई महत्वपूर्ण काम नहीं किया गया, यहां तक कि कागजों पर भी कुछ नहीं किया गया। वर्मा ने कहा, पिछली सरकार को यमुना के लिए काम करने का ख्याल भी नहीं आया। लेकिन अब, न केवल दिल्ली सरकार बल्कि खुद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) भी इसमें शामिल है।