Sunday, Sep 21, 2025

सरकारी स्कूलों में 90 फीसदी बच्चे जुड़े डिजिटल के साथ : 15-16 आयु वर्ग में स्कूल न जाने वाले लड़कों व लड़कियों की संख्या 5 फीसदी कम


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चंडीगढ़ : प्रदेश में 9वीं से 12वीं कक्षा तक के बच्चे टेबलेट के जरिये डिजिटलीकरण के साथ जुड़ रहे हैं। इससे बच्चे शिक्षा के नए गुर सीख रहे हैं, बल्कि अंकगणित व कठिन विषयों के सवालों का आसानी से हल भी निकाल रहे हैं। 15 से 16 आयु वर्ग के 90 फीसदी बच्चे स्मार्ट फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे उनकी शैक्षणिक गतिविधियों में निखार आ रहा है। हालांकि चिंता की बात यह इसी आयु वर्ग में ड्राप आउट का ग्राफ बढ़ रहा है। 15-16 आयु वर्ग में लड़के व लड़कियों की स्कूल न लाने का आंकड़ा पांच फीसदी घट रहा है। यह खुलासा अभी हाल ही शिक्षा विभाग की असर-2024 की प्रकाशित रिपोर्ट में हुआ है। असर संस्था द्वारा हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश राज्यों की शैक्षणिक गतिविधियों की रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें हरियाणा की रिपोर्ट बेहतरीन है। हरियाणा के बच्चों में अंक गणित सीखने के साथ स्कूलों में नामांकन भी बढ़ रहा है। असर-2024 के आंकड़ों के मुताबिक 3 से 5 आयु वर्ग में प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा कार्यक्रमों या प्री-स्कूल में नामांकन उच्च है और 3 से 4 आयु वर्ग के 80 फीसदी से ज्यादा बच्चों का नामांकन है। हालांकि यह नामांकन आंगनबाड़ी केंद्रों में है। हालांकि पहली कक्षा में पांच वर्ष की कम आयु के बच्चों के नामांकन में 24.2 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। 6 से 14 आयु वर्ग के लिए नामांकन में 98.8 फीसदी उच्च स्तर पर है। इसके साथ ही हरियाणा में सभी कक्षाओं में विशेषकर प्रारंभिक बुनियादी पढ़ाई और अंक गणित में सुधार हुआ है।




निजी स्कूलों की तुलनो सरकारी स्कूलों के बच्चों में सीखने की क्षमता बढ़ी

असर-2024 की रिपोर्ट के मुताबिक निजी स्कूलों की तुलना में सरकारी स्कूलों में नामांकित बच्चों की सीखने की क्षमता बढ़ी है। 15 से 16 आयु वर्ग के बच्चों के लिए स्मार्टफोन की उपलब्धता के चलते 90 फीसदी बच्चे बुनियादी डिटिजल कार्य कर रहे हैं। हरियाणा के 92 फीसदी घरों में स्मार्ट फोन हैं और 88.2 फीसदी बच्चे स्मार्टफोन का प्रयोग कर रहे हैं। हरियाणा में शिक्षा संबंधी गतिविधियों में 66.1 फीसदी स्मार्ट फोन का प्रयोग हो रहा है और 77.5 फीसदी सोशल मीडिया का प्रयोग किया जा रहा है।



स्कूलों में शौचालय, बिजली व पुस्तकालय सुविधाओं में हुआ सुधार

सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन (मिड-डे-मील) की गुणवत्ता बढ़ी है और शौचालय, बिजली तथा पुस्तकालय जैसी बुनियादी सुविधाओं में भी सुधार हुआ है। वर्ष 2022 में 87.5 फीसदी स्कूलों में मिड-डे-मील परोसा जाता था, वर्ष 2024 में बढ़ाकर 95.5 फीसदी पर पहुंच गया। वहीं 2022 में 71.4 फीसदी शौचालय प्रयोग के योग्य थे, जबकि 2024 में 78.7 फीसदी शौचालयों की स्थिति में सुधार हुआ। वहीं 2022 में 68.5 फीसदी बालिका शौचालय प्रयोग के लायक थे, जबकि 2024 में इसमें बढ़ोतरी हुई और 74.6 फीसदी बालिका शौचालय प्रयोग के योग्य बने। इसके साथ ही स्कूलों में बिजली कनेक्शन तथा पुस्तकालय जैसी सुविधाओं में भी बढ़ोतरी हो रही है।

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Vinita Kohli

सरकारी स्कूलों में 90 फीसदी बच्चे जुड़े डिजिटल के साथ : 15-16 आयु वर्ग में स्कूल न जाने वाले लड़कों व लड़कियों की संख्या 5 फीसदी कम

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