- by Super Admin
- Apr, 08, 2024 04:37
चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार पहले तो भ्रष्टाचार के आरोप में चार माह से फरार तहसीलदार का तबादला करती है और फिर विवाद बढऩे पर निलंबित करती है। यह पूरा घटनाक्रम बुधवार और गुरुवार का है। भ्रष्टाचार के लिए मशहूर हो चुके राजस्व विभाग में आए दिन नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। हरियाणा सरकार की तरफ से बुधवार को प्रदेश में 36 तहसीलदारों के तबादले किए गए थे। इन तबादलों के दौरान कई विवादितों को भी तैनाती दी गई है। इस सूची में अन्यों के अलावा कैथल जिले में तैनात तहसीलदार मंजीत मलिक का नाम भी था। सरकार ने मंजीत मलिक को तोशाम में नई तैनाती दी। यह मुद्दा सोशल मीडिया पर पूरी तरह से गरमा गया।
कैथल के चीका निवासी विजय कुमार ने एसीबी को शिकायत दी थी कि उसने चीका की अमर सिटी कॉलोनी में 151 गज का एक प्लॉट खरीदा था। वह अपनी भाभी के नाम पर इस प्लॉट की रजिस्ट्री करवाना चाहता था। इसके लिए सारे कागजात तैयार कर उसने 23 जनवरी 2025 का टाइम ले लिया। तहसीलदार और रजिस्ट्री क्लर्क ने मिलकर उसे परेशान किया। 18 फरवरी को गुहला तहसीलदार के दफ्तर में ट्रैप लगाया। इस दौरान रजिस्ट्री क्लर्क को शिकायत करने वाले से 10 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया। क्लर्क ने रजिस्ट्री के बदले रिश्वत मांगी थी। पूछताछ में पता चला कि इसमें तहसीलदार मंजीत मलिक भी शामिल है। तब से लेकर अभी तक तहसीलदार अंडर ग्राउंड है। उसे पकडऩे के लिए एसीबी की तरफ से तहसीलदार का पता बताने वाले को 20 हजार रुपए देने तक का ऐलान किया गया है। इनामी आरोपी का तबादला किए जाने को लेकर सरकार घिर गई। विपक्ष ने भी इसे मुद्दा बना लिया। इस गलती को सुधारते हुए सरकार ने गुरुवार को एक आदेश जारी करके तहसीलदार मंजीत मलिक को निलंबित कर दिया। मंजीत को अंबाला जिला उपायुक्त कार्यालय में अटैच किया गया है।