- by Vinita Kohli
- Jan, 01, 2025 04:21
चंडीगढ़: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रदेश में ऐसे शिक्षण संस्थान तैयार किये जा रहे हैं, जिनमें केजी कक्षा से पीजी कक्षा तक की शिक्षा प्रदान की जाएगी। कई विश्वविद्यालयों में केजी से पीजी स्कीम के तहत दाखिले किये गए हैं। मुख्यमंत्री बुधवार को रोहतक में बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय, अस्थल बोहर के चौथे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने ने विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह किसी भी शिक्षण संस्थान के गौरव और उपलब्धि का प्रतीक होता है। इस अवसर पर विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार, शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महंत बालक नाथ योगी भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को पदक एवं उपाधियां प्रदान की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2012 में स्थापित बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय का चौथा दीक्षांत समारोह इस पावन भूमि की ज्ञान-परंपरा को आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने कुलाधिपति महंत बालक नाथ योगी जी के मार्गदर्शन की सराहना की और बताया कि 1957 में महंत श्रेयोनाथ जी महाराज द्वारा स्थापित बाबा मस्तनाथ आयुर्वेदिक महाविद्यालय आज एक विशाल विश्वविद्यालय का रूप ले चुका है, जहां आयुर्वेद से लेकर इंजीनियरिंग, कानून, नर्सिंग और मानविकी जैसे विविध क्षेत्रों में शिक्षा प्रदान की जा रही है। हरियाणा ने शिक्षा, खेल, संस्कृति, शोध और उद्योग के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति कर देश में अग्रणी राज्य के रूप में पहचान बनाई है, जिसमें बाबा मस्तनाथ जैसी संस्थाओं का योगदान सराहनीय है। इस अवसर पर पूर्व मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर, मदवि के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह, सुपवा के कुलपति अमित आर्य, बीएमयू के कुलपति प्रो. बीएम यादव, कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार, मेयर राम अवतार वाल्मीकि सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
नई पीढ़ी को संस्कारवान बनाने के लिए तैयार की नई शिक्षा नीति
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि हमारी भावी पीढ़ी को ऐसी शिक्षा मिले, जो उन्हें रोजगार सक्षम बनाए, चरित्रवान बनाए और उनमें नैतिक गुणों का समावेश करे। इसके लिए उन्होंने देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की है। हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने अपने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को वर्ष 2024 में लागू कर दिया है।
विद्यार्थी भारत के विश्व कल्याण के संकल्प को पूर्ण करने में दे महत्वपूर्ण योगदान : महीपाल ढांडा
शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने डिग्री प्राप्त विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे भारत के विश्व कल्याण के संकल्प को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान दें तथा देश व प्रदेश की समृद्ध विरासत एवं संस्कृति को आगे बढ़ायें। उन्होंने कहा कि भारत में प्राचीन काल से संतों-महात्माओं ने विश्व कल्याण के बारे में महत्वपूर्ण संदेश दिए है। भारत वर्ष का विश्व कल्याण का विचार प्राचीन काल से महान रहा है। उन्होंने कहा कि धर्म की रक्षा, प्राणियों का कल्याण तथा देश को विश्व का सबसे मजबूत व महान राष्ट्र बनाने में हर नागरिक अपने कर्तव्य का पालन करें। विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर हर क्षेत्र में भारत का गौरव बढ़ायें। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक देश को दुनिया का विकसित व सबसे ताकतवर देश बनाने के सपने को भी साकार करने में सभी योगदान दें।