- by Vinita Kohli
- Jan, 01, 2025 04:21
चंडीगढ़ : हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र हंगामेदार रहने के आसार हैं। विपक्ष की ओर से नायब सरकार को घेरने के लिए रणनीति तैयार की गई है। ओलावृष्टि से लेकर हरियाणा बोर्ड की वार्षिक परीक्षाओं में पेपर आउट होने के मुद्दे पर सदन में हंगामा होने के आसार हैं। वहीं विपक्ष, राज्यपाल के अभिभाषण को लेकर भी सरकार को घेरने की तैयारी में हैं। सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा शुरू होगी। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने सदन में पेश किए अभिभाषण में माननीयों को सलाह दी, सदन के समय के पल-पल का सदुपयोग करते हुए जनहित को प्राथमिकता देंगे। वहीं उन्होंने माननीयों को आह्वान किया कि विकसित हरियाणा-विकसित भारत के संकल्प की सिद्धी में कोई अवरोध पैदा न हो। राज्यपाल ने अभिभाषण के जरिये नायब सरकार के नॉट स्टाप हरियाणा का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश के नॉन स्टाप विकास के लिए अब हर प्रकार से अनुकूल वातावरण है। आने वाले समय में हरियाणा की यह विधानसभा कैसे निर्णय लेती है, क्या नीतियां बनाती है। इस पर पूरे प्रदेश की निगाहें रहेंगे। इस अनुकूल समय का अधिक से अधिक लाभ प्रदेश और जनता को मिले, यह दायित्व हर सदस्य का भी है।
अंत्योदय से गरीबों के उत्थान का लक्ष्य
नायब सरकार ने अंत्योदय उत्थान के मंत्र को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई है। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में माननीयों को आह्वान किया कि अंत्योदय के प्रणेता पंडित दीन दयाल उपाध्याय के मूल मंत्र को हमेशा याद रखेंकि कोई भी समाज तब तक आगे नहीं बढ़ सकता है, जब तक अंतिम व्यक्ति सशक्त और आत्मनिर्भर न बन जाए। हमारा हर फैसला इस सोच पर निर्भर होना चाहिए कि उसका प्रभाव समाज के सबसे गरीब अैर कमजोर व्यक्ति पर क्या पड़ेगा। विधानसभा में जनकल्याण के निर्णयों का एक नवीन अध्याय लिखा जाएगा। राज्यपाल ने कहा कि सरकार स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को आगे बढ़ाते हुए नेक नीयत, दृढ़ संकल्प, ईमानदारी और कड़ी मेहनत के साथ हरियाणा को विकास और जनकल्याण के मामले में बुलंदियों पर पहुंचाने के लिए काम कर रही है।
पिछड़े व वंचितों के उत्थान के लिए उठाए कदम
राज्यपाल ने कहा कि सरकार का लक्ष्य सबसे पहले-सबसे गरीब का उत्थान है। पिछड़े और वंचित वर्गों के कल्याण और उत्थान के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार ने अनुसूचित जातियों के आरक्षण को दो वर्गों में वर्गीकृत कर अब तक वंचित रही अनुसूचित जातियों को उनका अधिकार देने का काम किया है। पिछड़ा वर्ग-बी को पंचायती राज संस्थाओं में सरपंच पद के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण और पंच पद के लिए भी उनकी संख्या के 50 प्रतिशत के अनुपात में आरक्षण दिया गया है। वहीं पिछड़े वर्ग की क्रीमीलेयर की वार्षिक आय सीमा छह लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख रुपये की गई है।