- by Vinita Kohli
- Jan, 01, 2025 04:21
चंडीगढ़ : कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने 84 लाख बिजली उपभोक्ताओं पर एक साल के लिए प्रति यूनिट 47 पैसा फ्यूल सरचार्ज एडजस्टमेंट के नाम पर बिजली दरें बढ़ाने को प्रदेश की गरीब जनता की जेब पर डकैती डालने का काम किया है। चुनाव से पहले बिजली निगमों को लाभ में बताकर उनका बिजली मीटर शुल्क हटा लिया था। ऐसे में चुनाव के तत्काल बाद 84 लाख उपभोक्ताओं पर प्रति यूनिट 47 पैसे एफएसए के नाम पर बिजली दरें बढ़ाना डकैती नहीं तो और क्या है। उन्होंने कहा कि यह एफएसए 200 यूनिट से अधिक बिजली उपयोग करने वाले हरेक उपभोक्ता को 47 पैसे प्रति यूनिट की दर से देना होगा, यानी 201 यूनिट इस्तेमाल करने वाले हर बिजली उपभोक्ता को 94.47 रुपये हर महीने अधिक देने होंगे। 300 यूनिट बिजली खपत करने वाले बिजली उपभोक्ता को अब 141 रुपये हर महीने अतिरिक्त देने होंगे।
सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने 2023 में ही एफएसए के नाम पर यह लूट शुरू की थी, तब से लगातार दूसरी बार चुनाव होते ही इसकी वसूली बढ़ा दी है। इससे हरेक घरेलू और कमर्शियल कनेक्शनधारी को हर महीने सैकड़ों रुपये का अतिरिक्त भार झेलना होगा। एफएसए की यह वसूली जनवरी 2025 से मार्च 2026, यानी 1 साल 2 महीने तक जारी रखने के तुगलकी आदेश जारी किए गए। रणदीप ने कहा कि चुनाव से पहले दोनों बिजली निगमों को घाटे से उबरने के दावे करने वाली भाजपा सरकार यह क्यों नहीं बताती कि उसने तब लोगों को गुमराह करके वोट हथियाने की साजिश की थी। उन्होंने कहा कि हकीकत में प्रदेश के दोनों बिजली निगम 12,766 करोड़ के भारी भरकम घाटे में है और इनकी वसूली तीसरी बार सत्ता हथियाने वाली भाजपा की सैनी सरकार आम आदमी से ही करेगी। राज्यसभा सांसद ने मांग कि कि प्रदेश के 84 लाख गरीब उपभोक्ताओं पर एफएसए थोपने का फैसला वापस लेना चाहिए।