- by Vinita Kohli
- Jan, 01, 2025 04:21
चंडीगढ़ : प्रदेश सरकार नई शिक्षा नीति-2020 को लागू करने को लेकर स्वामी विवेकानंद जयंती पर प्रचार अभियान की शुरुआत करेगी। प्रदेशभर से नई शिक्षा नीति को लेकर सुझाव मांगे जाएंगे। आधुनिकता के युग में हर विद्यार्थी डिजिटल तकनीक के साथ जुड़ा हुआ है, इसलिए आनलाइन सुझाव को लेकर पोर्टल की भी शुरुआत की जाएगी, जिससे विद्यार्थी घर बैठे सुझाव दे सकेंगे। नई शिक्षा नीति के प्रचार अभियान की तैयारियों को लेकर शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में स्वामी विवेकानंद जयंती पर आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई। राज्य के विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और विद्यालयों के साथ-साथ शिक्षाविदों अन्य हितकारकों के सुझाव आमंत्रित करने के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र में 12 जनवरी को विवेकानंद जयंती पर ऑनलाइन पोर्टल जारी किया जाएगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर गुरुग्राम में बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें गुरुग्राम डिवीजन के 74 सरकारी कॉलेजों और फरीदाबाद डिवीजन के 33 कॉलेजों के प्राचार्यों ने हिस्सा लिया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि पोर्टल के जरिये विद्यार्थियों के साथ आम नागरिक, शिक्षाविद, अध्यापक, प्रोफेसर व शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोग भी आसानी से सुझाव दे सकेंगे। शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों के सुझावों के आधार पर योजना तैयार की जाए, ताकि आगामी शैक्षणिक सत्र में विद्यार्थियों को किसी तरह की कठिनाई का सामना न करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के साथ छात्रों को सीधे तौर पर जोड़ने के लिए विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में सुझाव पेटिका लगाने के निर्देश पहले दिए जा चुके हैं। आने वाले सुझावों के आधार नई शिक्षा नीति को बेहतर बनाने के लिए नई रूपरेखा तैयार की जाएगी। उन्होंने बताया कि फऱवरी 2025 में शिक्षा नीति को लेकर राष्ट्रीय स्तर की गोलमेज कांफ्रेंस का आयोजन किया जाएगा। बैठक में उच्चतर शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक हेमंत वर्मा, सहायक निदेशक डॉ. कृष्णा और प्राचार्य डॉ. जितेंद्र मौजूद रहे।
विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में लगेगी सुझाव पेटिका
शिक्षा मंत्री महिपाल ढांड ने कहा कि शिक्षा नीति के साथ छात्रों को सीधे तौर पर जोड़ने के लिए विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में सुझाव पेटिका लगाई जाएंगी। लिखित रूप से आने वाले सुझावों के आधार नई शिक्षा नीति को बेहतर बनाने के लिए नई रूपरेखा तैयार की जाए। इसके साथ ही स्कूल, कालेज और विश्वविद्यालयों में सेमीनार आयोजित किए जाएंगे ताकि हर विद्यार्थी नई शिक्षा नीति को आसानी से समझ सके और जहां पर कठिनाई हो, उसको लेकर सुझाव भी दे सके। नई शिक्षा नीति को लागू करने से पहले व्यापक प्रचार-प्रसार अभियान चलाया जाएगा। ग्राम पंचायतों को भी नई शिक्षा नीति के साथ जोड़ा जाएगा। प्रदेशभर में ज्यादा आबादी वाले गांवों को चिन्हित कर, उन गांवों में नई शिक्षा नीति पर व्यापक चर्चा होगी।