- by Vinita Kohli
- Jan, 01, 2025 04:21
चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 2008 में हुई मामले को लेकर स्थिति स्पष्ट कि इस मामले में एजी (एडवोकेट जरनल) की भी राय ली जाएगी। अगर कोर्ट के आदेश की अनुपालना में हरियाणा लोक सेवा आयोग अभ्यार्थियों की लिखावट (हेंड राइटिंग) के नमूने लेकर उसकी जांच किसी विशेष एजेंसी से जांच करवाना चाहगी तो सरकार उसे तुरंत सेवाएं मुहैया करवाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2008 में 20 पुलिस इंस्पेक्टर की भर्ती हुई थी। कांग्रेस कार्यकाल में सरकारी नौकरी में भर्ती प्रक्रिया ठीक नहीं थी। उस समय योग्य युवाओं के साथ शोषण होता था और गरीब का बच्चा तो सरकारी नौकरी की सोच भी नहीं सकता था।
इंस्पेक्टर भर्ती में एक उम्मीदवार अमित कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कि वह भर्ती में टॉपर था, लेकिन उसे इंटरव्यू में कम नंबर देकर उसे भर्ती से बाहर कर दिया गया। याचिकाकर्ता का यह भी आरोपा था कि अर्जुन राठी और दीपक ने लिखित परीक्षा भी नहीं दी और उन्होंने खाली कागज दिया था। हालांकि कोर्ट ने कहा कि कोर्ट जांच एजेंसी का काम नहीं कर सकती है और याचिकाकर्ता के पास कोर्ट के फैसले के बाद भी अपील करना उसका अधिकार है। कोर्ट के याचिकाकर्ता के आरोपों ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाने को कहा था, हालांकि कमेटी की ओर से जवाब दिया कि मामला 16 साल पुराना है तो एचपीएससी ने अपनी रिपोर्ट पेश की उस समय की लिखित परीक्षा और उपस्थिति का रिकार्ड नहीं थी। कमेटी ने उन दोनों उम्मीदवारों की हेंडराइटिंग के नमूने की जांच किसी एजेंसी से कराने को कहा है। आयोग के पास तथ्यों की जांच कराने की स्वतंत्रता थी। सरकार इस मामले में एजी की राय लेगी, उसके आधार पर आगामी फैसला लिया जाएगा।
स्पीकर ने फिर दी कादियान को नसीहत
इंस्पेक्टर भर्ती के मुद्दे पर जब मामला गरमाया हुआ था तो पूर्व स्पीकर और बेरी विधायक डॉ. रघुवीर सिंह कादियान बार-बार अपनी सीट खड़े हो रहे थे तो स्पीकर हरविंद्र कल्याण ने कादियान को नसीहत दी, आप सीनियर सदस्य हैं, हर रोज ऐसे नहीं चलेगा। कादियान का आरोप था कि विपक्ष को बोलने नहीं दिया जा रहा है। स्पीकर ने सभी सदस्यों को दो टूक कहा कि वे सदन के कस्टोडियन हैं, उनको सदन चलाना है। सदन चलाने के लिए सभी सदस्य गंभीर हों।
यह था पूरा मामला
हुड्डा सरकार में हुई इस भर्ती के लिए करनाल के रहने वाले अमित कुमार ने भी आवेदन किया था। अमित व कुछ अन्य भर्ती को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचे थे। इंस्पेक्टर के 20 पदों में से 9 सामान्य वर्ग के लिए थे। हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका में आरोप लगाया किया कि इन पदों पर पूर्व की सरकार के मंत्रियों, नेताओं व अधिकारियों के रिश्तेदारों को नियुक्त किया गया। अमित कुमार ने याचिका में कहा था कि उसने 200 नंबरों की लिखित परीक्षा में 145 अंक प्राप्त किए थे। वह टॉपर था, लेकिन उसे वेटिंग लिस्ट में रखा गया। इंटरव्यू में उसे 25 में से महज 7 नंबर दिए गए। कम अंक वालों को इंटरव्यू में अच्छे नंबर देकर चयन कर दिया गया।