- by Vinita Kohli
- Jan, 01, 2025 04:21
चंडीगढ़ : पूर्व की हुड्डा सरकार के समय 2008-09 में हुई पुलिस इंस्पेक्टर भर्ती मामले पर सदन में खूब हंगामा हुआ। सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोक हुई। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने तत्तकालीन भर्ती में लिखावट की जांच कराने का ऐलान किया तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सदन में कोर्ट के आदेशों को पढ़कर कर सुनाया, भर्ती में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है। हुड्डा बोले, यदि ऐसे ही आरोप लगते रहे तो ‘आई विल रिजाइन फॉम्र दिस हाउस’। बुधवार को प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद जब बजट पर चर्चा शुरू हुई तो नारनौल से भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री ओपी यादव ने भर्ती मामले उठाते हुए कहा कि लाखो युवाओं के भविष्य से जुड़ा हुआ सवाल है, इसलिए उन्हें इस पर जवाब चाहिए। नहीं तो वे सदन से वाकआउट करेंगे। ओपी यादव की चेतावनी के बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया और स्पीकर बोले, मुख्यमंत्री इस पर अपना व्यक्तव्य देंगे। हालांकि इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश की कॉपी दिखाते हुए उसे पढ़ा और स्पष्ट किया कि कहीं भी भर्ती में गड़बड़ी नहीं मिली है। कोर्ट की ओर से अपना फैसला सुनाते हुए याचिका को खारिज किया गया है। हुड्डा बोल भर्ती में किसी भी दस्तावेज या अन्य कोई तथ्य नहीं छिपाया गया है। हुड्डा के जवाब के बाद सदन में फिर हंगामा शुरू हो गया और मुख्यमंत्री से मोर्चा संभालते हुए सदन में जवाब दिया कि भर्ती में अभ्यार्थियों की लिखावट की विशेष एजेंसी से जांच कराई जाएगी।
हुड्डा और विज के बीच हुई तीखी बहस
इंस्पेक्टर भर्ती मामले पर ऊर्जा मंत्री अनिल विज और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच तीखी नोकझोक हुई। विज ने आरोप लगाया कि हुड्डा साहब ने हाईकोर्ट की जजमेंट के प्रमुख तथ्यों को छुपाया है, लेकिन मुख्यमंत्री ने उस निर्णय को सारा पढ़कर सुनाया है। इस मामले में गड़बड़ हुई है और टैलेंट को नजरअंदाज किया गया है जिसके तहत नाइंसाफी हुई है, उसके बारे में विचार किया है।