Thursday, Sep 11, 2025

'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम में पहुंचे हरियाणा के छात्र : पीएम बोले टेक्नोलॉजी को तूफान मत समझिए, रील देखते हैं तो उसकी बारीकी में जाओ


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नारनौल/सिरसा : हरियाणा के 2 छात्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में शामिल हुए। इनमें सिरसा का अजय और नारनौल की खुशी शामिल है। PM से सवाल करने के लिए सिर्फ अजय का चयन हुआ था। अजय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कविता भी सुनाई। अजय ने PM से पूछा- आज कल टेक्नोलॉजी काफी बढ़ गई है। कई बार हम इसका बहुत ज्यादा प्रयोग कर लेते हैं। इस पर आप हमारा मार्गदर्शन करें। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा- आप उस युग में बड़े हो रहे हैं जिसमें बड़ी मात्रा में टेक्नोलॉजी का फैलाव है। इसलिए इससे भागने की जरूरत नहीं है। आपको तय करना होगा कि क्या मैं रील देखता रहता हूं? उसी में समय जाता है क्या? अगर उसी में रुचि है तो उसकी बारीकी में जाओ। उसे तूफान न समझो, जो गिरा देगा। जो इस पर रिसर्च कर रहे हैं, वो आपकी भलाई के लिए कर रहे हैं। इसलिए टेक्नोलॉजी को जानें और समझें। उसका अधिक से अधिक इस्तेमाल करना चाहिए। वहीं खुशी के स्कूल में कार्यक्रम दिखाने के लिए बड़ी स्क्रीन लगाई गई। दैनिक भास्कर से बातचीत में खुशी ने कहा- 105 बच्चों को चुना गया था। 24 से 29 तक हम दिल्ली में रहे। हमें वहां परेड से लेकर संग्रहालय देखने का मौका मिला। PM से बातचीत के लिए 36 बच्चों को चुना गया। उसमें वह नहीं थी। 18-18 के 2 ग्रुप बनाए गए। उन्होंने प्रधानमंत्री से परीक्षा पे चर्चा की।


चंडीगढ़ के स्टूडेंट ने लीडरशिप पर सवाल किया

चंडीगढ़ के स्टूडेंट ने PM से लीडरशिप को लेकर सवाल पूछा। विराज ने PM से कहा कि कभी टीचर ने हमें मॉनिटर बनाते हैं तो बच्चे बात नहीं सुनते। सभी को समझाने का एक तरीका होता है। उन्हें हम ये नहीं कह सकते कि बैठ जाओ वर्ना तुम्हारा बोर्ड पर नाम लिख दूंगा। ये सुनकर वो और शोर करेंगे। इसके लिए क्या कोई और तरीका है?



इस पर मोदी ने कहा- लीडरशिप की परिभाषा ये नहीं होती कि नेता ने कुर्ता पजामा पहना है, जैकेट पहनी है और मंच पर संबोधित कर रहा है। आप (स्टूडेंट्स) में से कोई लीडर बन जाए। अगर वह कहेगा चलो, तो आप उसके साथ चलोगे। अगर मॉनिटर कहेगा कि आप चलो, मैं आता हूं। तो आपकी बात कोई नहीं सुनेगा। आप जब मॉनिटर की होमवर्क या दूसरी चीजों में सहयोग करोगे तो उसे लगेगा कि मॉनिटर मेरी केयर करता है। इसके लिए हमें अपने व्यवहार को बदलना पड़ेगा। लीडरशिप थोपी नहीं जाती। आसपास के लोग आप को अपना रहे हैं। उन्हें ज्ञान दोगे तो वे सुधार नहीं करेंगे। तो वो आपको स्वीकार नहीं करेगा। अगर आपने स्वच्छता पर भाषण झाड़ दिया और खुद गंदगी फैला रहे हो तो आप लीडर नहीं बन सकते। लीडर बनने के लिए टीमवर्क सीखना जरूरी है। जहां कम, वहां हम। अगर हमारे साथियों को कहीं परेशानी है तो हम वहां पहुंच जाएं। इससे हमारी लीडरशिप बढ़ेगी। विश्वास लीडरशिप की बहुत बड़ी ताकत है। उधर, खुशी के स्कूल में परीक्षा का चर्चा का कार्यक्रम बड़ी स्क्रीन पर दिखाया गया। अजय ने बताया था कि उसने PM को कविता सुनाई थी। इस पर PM ने उसे हाथ पकड़कर घुमाया था।

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Vinita Kohli

'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम में पहुंचे हरियाणा के छात्र : पीएम बोले टेक्नोलॉजी को तूफान मत समझिए, रील देखते हैं तो उसकी बारीकी में जाओ

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