- by Super Admin
- Apr, 08, 2024 04:37
चंडीगढ़: हरियाणा में सडक़ हादसों के दौरान घायल होने वाले लोगों को अब डेढ लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। केंद्र सरकार की इस योजना को हरियाणा में पायलट प्रोजैक्ट के रूप में लागू किया गया है। केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की इस योजना को हरियाणा सरकार की निगरानी में धरातल पर हरियाणा पुलिस व स्वास्थ्य विभाग द्वारा लागू किया जाएगा। हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक हरदीप दून ने शनिवर को इस संबंध में प्रदेश के सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि योजना के तहत दुर्घटना की तिथि से अधिकतम 7 दिनों की अवधि तक प्रत्येक सडक़ दुर्घटना के लिए प्रति व्यक्ति डेढ़ लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त मुहैया कराया जाएगा।
पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा कि राज्य की सडक़ों को आम लोगों के लिए सुरक्षित बनाना सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है, ऐसे में सडक़ दुर्घटनाओं को कम करने के लिए बेहतर और प्रभावी कार्य योजना तैयार कर उस पर काम करना जरूरी है। इसी कड़ी में सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सडक़ दुर्घटना में घायल व्यक्ति को मुफ्त इलाज की सुविधा देने की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि इस पायलट प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा स्थानीय पुलिस और राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनुबंधित अस्पतालों के साथ मिलकर संयुक्त रूप से क्रियान्वित किया जाएगा।
सड़क दुर्घटनाएं व मृत्यु दर में आई कमी
प्रदेश में ब्लैक स्पॉट्स चिन्हित कर उन्हें दुरुस्त कराया जा रहा है, जिससे न केवल सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ गिरा है, बल्कि मृत्यु में भी दर में भी कमी आई है। परिणामस्वरूप वर्ष 2023 की अपेक्षा वर्ष 2024 में 616 सड़क हादसों में कमी दर्ज की गई है। इसके साथ ही, वर्ष 2023 की तुलना में वर्ष 2024 में 251 सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु में भी कमी आई है तथा 403 लोग कम घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि जनवरी 2024 से लेकर नवंबर 2024 के अंत तक हरियाणा पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा के 2166 जागरूकता अभियान चलाए गए जिनके माध्यम से 2 लाख 91 हजार 307 बच्चों व अन्य लोगों ने भागीदारी सुनिश्चित की। इसके अलावा, वर्ष-2024 में 6 विशेष अभियान चलाए गए जिनमें से पांच अभियान लेन ड्राइविंग तथा एक विशेष अभियान वाहनों पर ब्लैक फिल्म लगाने वालों के खिलाफ चलाया गया। विशेष अभियान के दौरान प्रदेश में 27 हजार 321 वाहनों के चालान किए गए जिनमें से 2600 चालान ब्लैक फिल्म लगाने वाले वाहनों के चालान किए गए।
कैशलैस सुविधा लेने की प्रक्रिया-
इस योजना के तहत सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाया जाता है। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन द्वारा अपने यहां साफटवेयर में घायल व्यक्ति का डेटा अपलोड करके संबंधित पुलिस थाने में भेजा जाता है जिसके बाद संबंधित पुलिस थाने द्वारा 6 घंटे के भीतर पुष्टि की जाती है कि घायल व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल हुआ है अथवा नही। पुष्टि होने के उपरांत घायल व्यक्ति को कैशलैस ईलाज की सुविधा दी जाती है।
जिला स्तर पर गठित की गई है सड़क सुरक्षा समिति
सड़क सुरक्षा संबंधी विषय की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश के अलग-अलग जिलों में सड़क सुरक्षा समिति गठित की गई हैं जिसके द्वारा एजेंडावार सड़क सुरक्षा को लेकर नियमित बैठकें की जाती हैं। वर्ष-2024 में अक्टूबर माह के अंत तक इस प्रकार की 107 बैठकें आयोजित की गई हैं जिसकी अध्यक्षता संबंधित जिले के उपायुक्त द्वारा की जाती है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सड़क सुरक्षा समिति द्वारा वर्ष-2024 में 19 हजार 261 स्कूल बसों की चैकिंग की गई जिनमें से 4,657 स्कूल बसों का अनियमितता पाए जाने पर चालान किए गए। कपूर ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में कुल 66 टोल प्लाजा है जिन पर वे-इन-मोशन मशीनें लगाई जानी है इनमें से 54 टोल प्लाजा पर ये मशीने लगाई जा चुकी है जिनमें से 29 वे इन मोशल मशीनों के माध्यम से ओवरलोडिड वाहनों के चालान किए जा रहे हैं और जल्द ही अन्य टोल प्लाजा पर भी इसे शुरू किया जाएगा।