- by Vinita Kohli
- Jan, 01, 2025 04:21
Haryana Weather Update: हरियाणा में इन दिनों मौसम ने अचानक करवट ली है और इसका प्रमुख कारण पश्चिमी विक्षोभ बताया जा रहा है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो यह विक्षोभ इतना प्रभावी है कि इसके कारण फतेहाबाद, हिसार, जींद, करनाल, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, अंबाला, पंचकूला, पानीपत, रोहतक और सोनीपत जैसे कई जिलों में भारी वर्षा होने की संभावना बनी हुई है। चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय, हिसार की ओर से जारी किए गए अलर्ट में साफ तौर पर चेतावनी दी गई है कि महेंद्रगढ़, चरखीदादरी, भिवानी, रेवाड़ी, नूंह, पलवल, झज्जर, सिरसा सहित अनेक जिलों में भी वर्षा की संभावना है, जिनमें से कई में सोमवार की सुबह से ही बारिश शुरू हो चुकी है।
फतेहाबाद, हिसार, सिरसा, चरखीदादरी और रोहतक में सुबह से ही बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है। अंबाला, पंचकूला, कैथल, महेंद्रगढ़, बहादुरगढ़, सोनीपत और कुरुक्षेत्र जैसे क्षेत्रों में भी बादल झमाझम बरस रहे हैं। बारिश के बीच जनसामान्य की जिम्मेदारियों से जुड़ी कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं, जैसे सिरसा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने बारिश में भीगते हुए पथ संचलन किया, तो वहीं फतेहाबाद में ट्रैफिक पुलिसकर्मी छतरी लगाकर सड़कों पर यातायात को नियंत्रित करते नजर आए।
अंबाला में तेज हवाओं के चलते सड़क यातायात पर असर पड़ा है और कई जगहों पर गाड़ियों की आवाजाही कम हो गई है। इससे पहले रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात में भी कई जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई, जिसका असर अब सामने आने लगा है। हिसार के एक अस्पताल में बारिश का पानी भर गया जो सुबह तक भी नहीं निकल पाया था, और कुछ इलाकों में खेतों में खड़ी धान की फसल पानी और तेज हवाओं की वजह से बिछ गई है, जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। बहादुरगढ़ में एक मकान पर पेड़ गिर गया, हालांकि किसी तरह की जनहानि की सूचना नहीं है, लेकिन कई इलाकों में बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है।
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, यह बदलाव केवल पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से नहीं, बल्कि बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र और राजस्थान के ऊपर बने चक्रवाती सर्कुलेशन से भी जुड़ा हुआ है। इन मौसमी परिस्थितियों के कारण दक्षिण और पूर्व से नमी वाली हवाएं उत्तर-पश्चिमी भारत की ओर तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे वातावरण में आद्रता बढ़ी है और बादल बन रहे हैं। कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार, इन सब मौसमी सिस्टमों के संयुक्त प्रभाव से राज्य में 7 अक्टूबर तक गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बनी रहेगी। इससे तापमान में भी गिरावट देखी जा सकती है और अगले कुछ दिन मौसम सामान्य से अलग रहने की पूरी आशंका है। इस बदले मौसम ने जहां गर्मी से राहत दी है, वहीं जनजीवन, यातायात, खेती और बिजली आपूर्ति पर असर डालना शुरू कर दिया है। ऐसी स्थिति में प्रशासन, किसान और आम जनता सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता है।