- by Vinita Kohli
- Jan, 02, 2025 10:26
शिमला: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में मंगलवार शाम को हुए भीषण भूस्खलन के मलबे में दबने से एक निजी बस के क्षतिग्रस्त होने के बाद बुधवार सुबह एक बच्चे का शव मिलने के बाद मृतक संख्या बढ़कर 16 हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मंगलवार शाम करीब 6.40 बजे बर्थिन के पास भालूघाट इलाके में एक पहाड़ का बड़ा हिस्सा टूटकर चलती बस पर गिर गया, जिसके बाद मलबे में दबे लोगों का पता लगाने के लिए खोज और बचाव अभियान बुधवार को भी जारी रहा। बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक संदीप धवल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, "आज एक और शव मिलने के साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है।" खराब दृश्यता और मिट्टी के खिसकने के कारण देर रात रोके गए बचाव अभियान को बुधवार सुबह फिर से शुरू किया गया। खोज में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दो दल स्थानीय लोग, पुलिस, होम गार्ड और अग्निशमनकर्मी लगे हुए हैं।
एनडीआरएफ के अधिकारियों ने ‘पीटीआई वीडियो’ को बताया कि भारी चट्टानों को हटाने के लिए मशीनों के साथ-साथ पीड़ितों की तलाश के लिए श्वान दस्ते की मदद से खोज जारी है। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की पहचान नक्ष, आरव, संजीव, विमला, कमलेश, कांता देवी, अंजना, बख्शी राम, नरेंद्र शर्मा, कृष्ण लाल, चुनी लाल, रजनीश, सोनू, शरीफ खान और प्रवीण कुमार के रूप में की गई है। उन्होंने बताया कि बुधवार सुबह मिले बच्चे के शव की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। मृतकों में एक ही परिवार के चार सदस्य शामिल हैं। दो भाइयों की पत्नियां और एक भाई के दो बच्चे जो एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद घर लौट रहे थे। एक अधिकारी ने बताया कि दूसरे भाई के बच्चे आरुषि और शौर्य बचाए गए लोगों में शामिल थे और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर में इलाज के बाद उन्हें घर भेज दिया गया है।
आरुषि और शौर्य के पिता राज कुमार ने कहा, "मेरी पत्नी, दो बच्चे, मेरे भाई की पत्नी और उनके दो बच्चे एक समारोह से घर लौट रहे थे तभी यह त्रासदी हुई। अब केवल मेरे बच्चे ही जीवित हैं।" उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मंगलवार रात दुर्घटनास्थल पर बचाव कार्यों का जायजा लिया और पीड़ितों के परिवारों से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा, "इस क्षेत्र में पिछले दो दिनों से बारिश हो रही है और यह स्पष्ट है कि भारी बारिश के बाद पहाड़ के खिसकने के कारण यह दुर्घटना हुई। घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं।" उन्होंने कहा, "हिमाचल एक पहाड़ी राज्य है, जहां बड़ी सड़कों, पुलों और सुरंगों का निर्माण हो रहा है इसलिए इस बात की समीक्षा करने की आवश्यकता है कि क्या वर्तमान विकास मॉडल टिकाऊ है।" उन्होंने कहा कि राज्य को 2023 से विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के कारण 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। सोमवार से इस क्षेत्र में रुक-रुककर बारिश हो रही है, जिससे नाजुक पहाड़ियां अस्थिर हो गई हैं।