Monday, Nov 11, 2024

न्यायालय ने नीट-यूजी फिर से कराने पर केंद्र सरकार, एनटीए से जवाब मांगा


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उच्चतम न्यायालय ने कथित तौर पर प्रश्नपत्र लीक होने और अन्य गड़बड़ियों के आधार पर मेडिकल प्रवेश परीक्षा 'राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा-स्नातक' (नीट-यूजी) 2024 को फिर से कराने के अनुरोध वाली याचिका पर मंगलवार को केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) से जवाब मांगा। हालांकि, शीर्ष अदालत ने एमबीबीएस, बीडीएस और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए सफल उम्मीदवारों की काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति विक्रमनाथ और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अवकाशकालीन पीठ ने प्रश्नपत्र लीक होने एवं अन्य गड़बड़ियों के आरोपों पर संज्ञान लेते हुए कहा, ''शुचिता (परीक्षा की) प्रभावित हुई है, इसलिए हमें जवाब चाहिए।'' केंद्र और एनटीए के अलावा पीठ ने बिहार सरकार को भी नोटिस जारी किया। राज्य में परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं। पीठ ने कहा, ''आपको कितना समय चाहिए? अदालत खुलने के तुरंत बाद? नहीं तो काउंसलिंग शुरू हो जाएगी।'' शीर्ष अदालत ने शिवांगी मिश्रा और एमबीबीएस के नौ अन्य आकांक्षियों द्वारा दाखिल याचिका को लंबित याचिका के साथ संलग्न कर एनटीए को जल्द से जल्द जवाब दाखिल करने को कहा। उच्चतम न्यायालय की पीठ में गर्मियों के अवकाश के बाद आठ जुलाई से नियमित सुनवाई शुरू होगी। बता दें अवकाश 20 मई से शुरू हुआ था। नीट-यूजी 2024 गत मई को आयोजित किया गया था और परिणाम चार जून को घोषित किए गए थे।

इसके 14 जून को घोषित होने की उम्मीद थी। एनटीए देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नीट-यूजी आयोजित करती है। पीठ ने कहा, ''नोटिस जारी किया जाता है। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी को जल्द से जल्द जवाब दाखिल करना होगा।'' अभ्यर्थियों की ओर से पेश हुए वकील मैथ्यूज जे. नेदुम्परा ने इस बीच काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने की अपील की लेकिन पीठ ने इनकार कर दिया। पीठ ने कहा, ''काउंसलिंग शुरू होने दीजिए, हम काउंसलिंग नहीं रोक रहे हैं। हम काउंसलिंग नहीं रोकेंगे। अगर आप ज्यादा बहस करेंगे तो हम याचिका खारिज कर देंगे।'' इसने इस दलील पर ध्यान दिया कि नयी याचिका को पहले दायर की गई इसी तरह की याचिका के साथ जोड़ जाए, जिस पर प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पीठ ने 17 मई को केंद्र और एनटीए को नोटिस जारी किया था तथा यह पहले ही आठ जुलाई के लिए सूचीबद्ध है। आरोप है कि परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हो गया और बड़ी संख्या में छात्रों को पहले ही प्रश्नपत्र मिल गए तथा वे सफल हो गए। इसके अनुसार, 23 लाख छात्रों ने परीक्षा दी और उपलब्ध सीट की कुल संख्या एक लाख है। यह अत्यंत प्रतिष्ठित परीक्षा है। 67 छात्रों को 720 में से 720 अंक मिले। वकील नेदुम्परा ने पीटीआई की वीडियो सेवा से कहा, ‘‘परीक्षा की शुचिता बहुत पवित्र है, और कुछ बहुत गलत हो गया है।


अदालत ने काउंसलिंग यानी दाखिले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।’’ याचिका में कहा गया, ‘‘नयी दिल्ली स्थित भारतीय विद्या भवन मेहता विद्यालय में नीट परीक्षा के लिए पेपर प्रश्नों का हल करने वाला गिरोह चलाने के आरोप में दो एमबीबीएस छात्रों सहित चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।’’ याचिका में आरोप लगाया गया कि नीट-यूजी 2024 में जमकर कदाचार हुआ था और याचिकाकर्ताओं के संज्ञान में प्रश्नपत्र लीक होने के विभिन्न मामले सामने आए हैं। प्रधान न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ ने नीट-यूजी 2024 के परिणामों पर 17 मई को रोक लगाने से इनकार कर दिया। हालांकि, वह पुन: परीक्षा के लिए याचिका पर नोटिस जारी करने पर सहमत हुई थी। इसी तरह की याचिकाएँ विभिन्न उच्च न्यायालयों में भी लंबित हैं। 

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