- by Super Admin
- Jun, 10, 2024 02:30
चंडीगढ़ : पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने शनिवार को कहा कि पुलिस के नशा विरोधी अभियान को बड़ी सफलता मिली है और राज्य में अब मादक पदार्थ आसानी से उपलब्ध नहीं हैं। डीजीपी ने मीडियाकर्मियों से कहा कि नशे की समस्या पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है, लेकिन इसे खत्म करने का अभियान लगातार जारी रहेगा। उनका यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 28 फरवरी को पंजाब को नशा मुक्त बनाने के लिए तीन महीने की समय सीमा तय की थी। डीजीपी यादव ने नशा विरोधी अभियान का ब्योरा साझा करते हुए कहा कि कुल 13,038 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और मादक पदार्थ पर रोकथाम से संबंधित स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत 8,344 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस ने अभियान के दौरान 586 किलोग्राम हेरोइन, 14,000 किलोग्राम चूरा पोस्त, 247 किलोग्राम अफीम, 253 किलोग्राम गांजा, 1.6 किलोग्राम आईसीई और 25.70 लाख कैप्सूल और टैबलेट जब्त किए।
अधिकारी ने बताया कि मादक पदार्थ के 1,205 मामलों में सुनवाई पूरी हो चुकी है, जिनमें से 1,085 में दोषसिद्धि हुई है। यादव ने बताया कि 48 हवाला संचालकों को गिरफ्तार किया गया तथा 10.76 करोड़ रुपये का हवाला धन बरामद किया गया। यह पूछे जाने पर कि क्या पंजाब अब नशा मुक्त राज्य बन गया है, पुलिस प्रमुख ने कहा, हमारे आकलन में, हमें बहुत बड़ी सफलता मिली है तथा मुझे लगता है कि यह न केवल पूरे भारत में, बल्कि विश्व में भी एक उदाहरण है, जिसमें राज्य से नशे की समस्या को खत्म करने के लिए एक दृढ़ और बहुआयामी प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा, हमें इसमें बड़ी सफलता मिली है। स्वतंत्र चैनलों और खुफिया एजेंसियों से मिली प्रतिक्रिया के अनुसार हमने इस पर अधिकतम नियंत्रण हासिल कर लिया है। हमारा प्रयास लोगों तक पहुंचकर उन्हें साथ लेकर चलना है और साथ ही अपनी त्रि-आयामी रणनीति- प्रवर्तन, नशामुक्ति और रोकथाम को आगे बढ़ाना है, ताकि नशा करने वालों को मुख्यधारा में लाया जा सके। यादव ने कहा, मैं कह सकता हूं कि राज्य में नशीले पदार्थों की उपलब्धता में काफी कमी आई है। कुछ इलाके ऐसे हैं जहां नशीले पदार्थ उपलब्ध हैं, लेकिन (पहले) आसानी से उपलब्धता (नशीले पदार्थों की) की बात होती थी, लेकिन अब ऐसी कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा, मैं यह नहीं कह सकता कि यह (मादक पदार्थ की समस्या) पूरी तरह समाप्त हो गई है, लेकिन इस संबंध में काफी काम किया गया है।