Sunday, Sep 21, 2025

पंजाब में कई जगहों पर नहीं दिखाई गई इमरजेंसी, एसजीपीसी ने किया विरोध प्रदर्शन


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चंडीगढ़: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने शुक्रवार को कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ की रिलीज के खिलाफ पंजाब में कई जगहों पर सिनेमाघरों के बाहर प्रदर्शन किया, जिसके परिणामस्वरूप राज्य में ज्यादातर जगहों पर फिल्म रिलीज नहीं हो पाई। फिल्म में रनौत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभा रही हैं। यह फिल्म 1975 से 1977 तक 21 महीनों के आपातकाल के दौरान के घटनाक्रम पर केंद्रित है। राजनीतिक पृष्ठभूमि की यह फिल्म केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से प्रमाण पत्र मिलने में देरी और सिख समुदाय को गलत तरीके से पेश करने के आरोपों को लेकर विवादों में रही। फिल्म की रिलीज में कई बार देरी के बाद इसे शुक्रवार को देश भर में रिलीज किया गया।



लुधियाना, अमृतसर, पटियाला और बठिंडा के कई सिनेमाघरों में फिल्म नहीं दिखाई गई। राज्य में मॉल और सिनेमाघरों के बाहर पुलिस बल तैनात किया गया। अमृतसर में प्रदर्शनकारियों को काले झंडे और तख्तियां लेकर जाते देखा गया, जिन पर लिखा था ‘‘फिल्म इमरजेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए और फिल्म इमरजेंसी का बहिष्कार हो। एसजीपीसी के प्रताप सिंह ने कहा, हमने फिल्म की रिलीज रोकने के लिए केंद्र सरकार और पंजाब सरकार से बात की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि वे रिलीज रोकने के लिए इकट्ठा हुए हैं क्योंकि फिल्म पंजाब की शांति को भंग करने के लिए बनाई गई है। उन्होंने कहा, सिख पात्रों को आपत्तिजनक तरीके से चित्रित किया गया है।



एसजीपीसी के एक अन्य सदस्य कुलवंत सिंह मनन ने कहा, रनौत भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) की सांसद हैं और एक सांसद की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण होती है। उन्हें समाज में सभी को एक साथ लाने के लिए काम करना चाहिए, लेकिन इसके बजाय वह विभाजन पैदा कर रही हैं। मोहाली में भी इसी तरह के दृश्य देखे गए। एसजीपीसी के सदस्य राजिंदर सिंह तोहरा ने कहा, फिल्म पूरे सिख समुदाय का अपमान करने के लिए बनाई गई है। हम मोहाली या पंजाब में कहीं भी फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे। इस मामले में एसजीपीसी एकजुट है।



एसजीपीसी प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। उन्होंने लिखा कि अगर फिल्म पंजाब में रिलीज होती है तो इससे सिख समुदाय में आक्रोश और गुस्सा भड़केगा, इसलिए राज्य में इसकी रिलीज पर प्रतिबंध लगाना सरकार की जिम्मेदारी है। एसजीपीसी ने पंजाब के सभी उपायुक्तों को ज्ञापन सौंपकर राज्य में फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। पिछले साल अगस्त में एसजीपीसी ने फिल्म के निर्माताओं को एक कानूनी नोटिस भेजा था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि इसमें सिखों के चरित्र और इतिहास को गलत तरीके से पेश किया गया है। संस्था ने उनसे सिख विरोधी भावनाओं को दर्शाने वाले आपत्तिजनक दृश्यों को हटाने के लिए कहा था।

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Tanya Chand

पंजाब में कई जगहों पर नहीं दिखाई गई इमरजेंसी, एसजीपीसी ने किया विरोध प्रदर्शन

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