- by Vinita Kohli
- Jan, 01, 2025 10:33
चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा की प्रवर समिति ने बेअदबी विरोधी विधेयक पर हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के लिए 31 अगस्त तक जनता से सुझाव प्राप्त करने के वास्ते एक व्हाट्सएप नंबर और एक ईमेल आईडी जारी किया है। एक सार्वजनिक नोटिस में यह जानकारी दी गई। लोग अपने सुझाव लिखित रूप में व्हाट्सएप नंबर (8054495560) और ई-मेल आईडी पर भेज सकते हैं। सार्वजनिक नोटिस के अनुसार, प्रवर समिति विधेयक के संबंध में जनता, धार्मिक संस्थाओं, गैर-सरकारी संगठनों, विशेषज्ञों, बुद्धिजीवियों और नागरिक समाज के विभिन्न प्रतिनिधियों से सुझाव मांग रही है। समिति ने लोगों से अपने विचार अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र के विधायकों के माध्यम से, डाक द्वारा या व्यक्तिगत रूप से भी भेजने को कहा। समिति 31 अगस्त तक प्राप्त सुझावों पर विचार करेगी। 'पंजाब पवित्र धर्मग्रंथों के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम विधेयक 2025' 14 जुलाई को सदन में पेश किया गया था। इस विधेयक में धार्मिक ग्रंथों के विरुद्ध अपवित्र कृत्यों के लिए आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।
इसके बाद, पंजाब विधानसभा ने सर्वसम्मति से विधेयक को सदन की प्रवर समिति को भेजने का निर्णय लिया ताकि प्रस्तावित कानून पर धार्मिक निकायों सहित जनता की राय ली जा सके। पंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवान ने 19 जुलाई को विधेयक पर जनता की राय जानने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक इंद्रबीर सिंह निज्जर के नेतृत्व में 15 सदस्यीय प्रवर समिति का गठन किया था। यह समिति छह महीने के भीतर विधेयक पर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। प्रवर समिति की पहली बैठक 24 जुलाई को हुई थी। बेअदबी विरोधी विधेयक में गुरु ग्रंथ साहिब, भगवद् गीता, बाइबिल और कुरान सहित पवित्र धर्मग्रंथों के अपमान के लिए कठोर सजा का प्रावधान किया गया है, जो आजीवन कारावास तक हो सकती है। विधेयक के अनुसार, बेअदबी का दोषी पाए जाने पर 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सज़ा हो सकती है। दोषी को पांच लाख रुपये का जुर्माना भी देना होगा, जो 10 लाख रुपये तक हो सकता है। विधेयक के अनुसार, अपराध का प्रयास करने वालों को तीन से पांच साल की सज़ा और तीन लाख रुपये तक का जुर्माना भी देना पड़ सकता है। अपराध को बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों को उनके द्वारा किए गए अपराध के अनुसार दंडित किया जाएगा।