- by Vinita Kohli
- Jan, 02, 2025 05:50
चंडीगढ़: गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, सेक्टर-32 (जीएमसीएच-32) में मरीजों को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया जा रहा है। अस्पताल प्रशासन अब यहां पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत सीटी स्कैन और एमआरआई सुविधाएं शुरू करने की तैयारी कर रहा है। इस व्यवस्था से न केवल मरीजों को जांच रिपोर्ट जल्दी मिल सकेगी बल्कि मेडिकल छात्रों को भी अलग मशीनों पर अभ्यास करने का अवसर मिलेगा। साथ ही शहर के कुछ सिविल अस्पतालों में भी पीपीपी मोड पर मरीजों को यह सुविधा प्रदान की जाएगी। स्वास्थ्य सेवाओं की निदेशक डॉ. सुमन सिंह ने कहा कि पीपीपी मॉडल के बेहतर परिणाम सामने आए हैं। अब इसे विकेंद्रित करते हुए सेक्टर-22, 45 और मनीमाजरा स्थित सिविल अस्पतालों में भी अल्ट्रासाउंड, पीईटी स्कैन, रेडियोलॉजी सेवाओं और अन्य डायग्नोस्टिक सुविधाओं को इसी ढांचे में लाने की तैयारी है।
जीएमसीएच-32 एक अधिकारी ने बताया कि पिछले दस वर्षों में अस्पताल पर मरीजों का दबाव कई गुना बढ़ा है। वर्ष 2014 में जहां ओपीडी में 5,22,369 मरीज पहुंचे थे, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 6,53,667 तक पहुंच गई। सामान्य सर्जरी, मेडिसिन और आर्थोपेडिक्स विभागों में सबसे ज्यादा भीड़ रहती है। वर्तमान में रोजाना औसतन 2200 से 2500 मरीज इलाज के लिए अस्पताल पहुंचते हैं। ऐसे में जांच और उपचार की गति तेज करना बेहद जरूरी हो गया है, ताकि भारी भीड़ और लंबी प्रतीक्षा समय से मरीजों को राहत मिल सके।
उन्होंने बताया कि पीपीपी मॉडल से सीटी स्कैन और एमआरआई जांच शुरू करने की योजना तैयार की जा रही है। इससे जहां मरीजों को समय पर रिपोर्ट मिलेगी, वहीं छात्रों को बेहतर प्रैक्टिकल ट्रेनिंग भी मिल पाएगी। हाल ही में ईएनटी विभाग में क्यू-मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है, जिससे मरीजों को लाइन में खड़े रहने की परेशानी काफी कम हो गई है। इससे पहले ईएनटी ओपीडी में टोकन सिस्टम भी शुरू किया गया था, जिसे मरीजों और परिजनों ने खूब सराहा। प्रशासन अब इसे सभी ओपीडी में लागू करने की योजना बना रहा है।
जीएमएसएच-16 में पीपीपी मोड पर उपलब्ध है एमआरआई-सीटी स्कैन सुविधा
वर्ष 2023 में सेक्टर-16 स्थित सरकारी अस्पताल (जीएमएसएच-16) में पीपीपी मॉडल के तहत सीटी स्कैन और एमआरआई सेवाएं शुरू की गई थीं। वहां यह सेवाएं निजी लैब्स की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत कम खर्च पर मिल रही हैं। 24 घंटे उपलब्ध इस सुविधा से न केवल उस अस्पताल के मरीज बल्कि अन्य सरकारी अस्पतालों और निजी स्वास्थ्य केंद्रों से रेफर मरीजों को भी फायदा मिल रहा है। इमरजेंसी मरीजों को प्राथमिकता दी जाती है। सफलता को देखते हुए अब इस मॉडल को अन्य सिविल अस्पतालों तक विस्तार देने की योजना है।
हालांकि जहां सीटी स्कैन और एमआरआई की सुविधा किसी भी अस्पताल में सबसे अहम मानी जाती है, उससे भी अधिक जरूरत एक्सरे की होती है। लेकिन जीएमएसएच-16 में कुछ महीने पहले एक्सरे मशीनें खराब हो गई थीं। मशीनें खराब होने के कारण मरीजों को मजबूरन निजी केंद्रों में जाकर एक्सरे करवाने पड़ रहे थे। अस्पताल को इस समय कम से कम चार और एक्सरे मशीनों की आवश्यकता है। अस्पताल में मौजूद दो डिजिटल एक्सरे मशीनें एक दशक पुरानी हैं और वे वार्षिक रखरखाव अनुबंध के तहत भी नहीं आतीं।
पीजीआई में चौबीसों घंटे जांच सुविधाएं शुरू करने की तैयारी
पीजीआई भी चौबीस घंटे डायग्नोस्टिक सेवाएं शुरू करने की दिशा में काम कर रहा है। फिलहाल वहां जांच का समय दोपहर एक बजे तक सीमित है, जिससे बाहर से आने वाले मरीजों को अगले दिन दोबारा आना पड़ता है। प्रशासन का लक्ष्य है कि एक पब्लिक अंडरटेकिंग की साझेदारी से सभी जांचें पीजीआई दरों पर उपलब्ध कराई जाएं। इससे मरीजों को सुविधा होगी और अस्पताल की कार्यक्षमता भी बढ़ेगी।