- by Vinita Kohli
- Jan, 02, 2025 05:50
चंडीगढ़: जम्मू-कश्मीर के पॉवर डेवलपमेंट विभाग के प्रधान सचिव एच राजेश प्रसाद को चंडीगढ़ प्रशासन का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है। वर्मा एजीएमयूटी कैडर के 1995 बैच के आईएएस हैं। वह सितंबर 2022 से जम्मू कश्मीर में पोस्टेड हैं। इससे पहले उन्होंने चांदनी चौक के रिडेवलेपमेंट प्रोजेक्ट के चीफ नोडल ऑफिसर के रूप में कार्य किया था। प्रसाद चंडीगढ़ के दूसरे मुख्य सचिव होंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से शनिवार को इस संबंध में आदेश जारी किया गया। चंडीगढ़ के मुख्य सचिव का पद 1 अक्टूबर से खाली था। यूटी के मुख्य सचिव राजीव वर्मा के 30 सितंबर को प्रशासन से रिलीव होने के बाद से चंडीगढ़ प्रशासन में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी गृह सचिव मंदीप सिंह बराड़ कार्यवाहक मुख्य सचिव पद का कार्यभार संभाल रहे हैं। राजेश प्रसाद 31 मई, 2027 को रिटायर हो जाएंगे। मूलरूप से कर्नाटक से निवासी प्रसाद ने बीकॉम की पढ़ाई के बाद एलएलबी की डिग्री ली और इसके बाद इग्नू व पुडुचेरी यूनिवर्सिटी से फाइनेंस और पब्लिक मैनेजमेंट में एमबीए किया।
प्रसाद की चंडीगढ़ में पहली पोस्टिंग है और अभी तक वह चंडीगढ़ नहीं आए हैं। जल्द ही वह अपना पदभार संभालेंगे। कर्नाटक में 1 जून 1967 को जन्मे आईएएस अधिकारी एच राजेश प्रसाद ने शिक्षा और प्रशासनिक सेवाओं में अहम उपलब्धियां हासिल की हैं। साल 1995 बैच के आईएएस अधिकारी प्रसाद ने अपने करियर की शुरुआत जिला कलेक्टर के रूप में अरुणाचल प्रदेश से की। इसके बाद वह साउथ दिल्ली के डिप्टी कमिश्नर भी रहे। दिल्ली प्रशासन में रहते हुए उन्होंने शहरी विकास, व्यापार एवं कर विभाग में आयुक्त का पद संभाला। आगे चलकर वे दिल्ली के शिक्षा विभाग और शहरी विकास विभाग में प्रिंसिपल सेक्रेटरी के तौर पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
गौरतलब है कि चंडीगढ़ के मुख्य सचिव राजीव वर्मा का 28 सितंबर को तबादला दिल्ली कर दिया गया था और उन्हें दिल्ली का नया मुख्य सचिव बनाया गया है। रिटायरमेंट से पहले राजीव वर्मा को केंद्र सरकार ने पदोन्नति देकर दिल्ली में अहम पद दिया है। वर्मा एजीएमयूटी कैडर के 1992 बैच के आईएएस हैं और दिसंबर, 2026 में रिटायर होंगे। वर्मा चंडीगढ़ के पहले मुख्य सचिव रहे हैं। फरवरी, 2024 में जब चंडीगढ़ प्रशासन में उनकी नियुक्ति हुई थी तब उन्हें प्रशासक के सलाहकार के पद पर नियुक्त किया गया था। बाद में यह पद प्रशासक के सलाहकार से बदलकर जनवरी, 2025 में मुख्य सचिव किया गया था।
ध्यान रहे कि राजीव वर्मा के तबादले के आदेश जारी करने के बाद से ही नए मुख्य सचिव को लेकर लॉबिंग शुरू हो गई थी। एजीएमयूटी कैडर के 1995 और 1996 बैच के कुछ अधिकारियों ने चंडीगढ़ के मुख्य सचिव पद पर नियुक्ति लेने में दिलचस्पी दिखाई थी। इनमें 1996 बैच के आशीष कुंद्रा का नाम भी शामिल था। लेकिन, एमएचए ने चंडीगढ़ के मुख्य सचिव पद के लिए राजेश प्रसाद के नाम का चयन किया। आम तौर पर मुख्य सचिव का कार्यकाल तीन साल का होता है, लेकिन वर्मा का तबादला भी तीन साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही हो गया। माना जा रहा था कि वर्मा रिटायरमेंट तक चंडीगढ़ ही रहेंगे क्योंकि रिटायरमेंट से कुछ साल पहले वाली पोस्टिंग को लास्ट पोस्टिंग मानते हैं। लेकिन, वर्मा के केस में ऐसा नहीं हुआ। उन्हें पदोन्नति दे दी गई। अब प्रसाद की रिटायरमेंट में करीब 18 महीने का समय बचा है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि रिटायरमेंट तक प्रसाद चंडीगढ़ के मुख्य सचिव के पद पर नियुक्त रहेंगे।