- by Vinita Kohli
- Jan, 02, 2025 05:50
चंडीगढ़: पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बर्फबारी का असर अब मैदानी इलाकों, खासकर हरियाणा में साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। इसका परिणाम यह है कि प्रदेश में ठंड ने समय से पहले ही दस्तक दे दी है। आमतौर पर अक्टूबर के मध्य या अंत तक तापमान में गिरावट देखने को मिलती है, लेकिन इस बार अक्टूबर की शुरुआत से ही मौसम में तेजी से बदलाव आने लगा है।
ठंड ने बढ़ाई सरसों की बुआई की रफ्तार
हरियाणा के कई जिलों में तापमान में आई गिरावट को देखते हुए किसान पहले ही सरसों की बुआई शुरू कर चुके हैं। आमतौर पर सरसों की बुआई अक्टूबर के मध्य से की जाती है, लेकिन इस साल मौसम की अनुकूलता के कारण यह काम समय से पहले शुरू हो गया है।
वेस्टर्न डिस्टर्बेंस और नमी का असर
मौसम विभाग के अनुसार, अक्टूबर के पहले सप्ताह में आए वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के चलते वातावरण में नमी बढ़ गई। इस नमी ने खासकर सुबह और रात के समय तापमान को नीचे गिरा दिया है, जबकि दिन में अच्छी धूप खिलने से दिन का तापमान अभी सामान्य बना हुआ है।
उत्तर-पश्चिमी हवाएं बनी ठंड की वजह
8 अक्टूबर से उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाओं का सिलसिला शुरू हुआ है, जिससे रात का तापमान लगातार गिर रहा है। हिसार में 10 अक्टूबर को न्यूनतम तापमान 16.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से काफी नीचे है।
कई शहरों में 18 डिग्री से नीचे पहुंचा तापमान
हरियाणा के पांच प्रमुख शहरों — हिसार, करनाल, फरीदाबाद, कैथल और महेंद्रगढ़ — में न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे दर्ज किया गया है। वहीं, दक्षिण हरियाणा के नारनौल में अधिकतम तापमान लगातार चौथे दिन भी सामान्य से 7.4 डिग्री कम दर्ज किया गया, जो इस मौसम के लिहाज से असामान्य है। रोहतक में भी अधिकतम तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री कम बना हुआ है।