- by Vinita Kohli
- Apr, 21, 2025 11:34
फरीदकोट: फरीदकोट ब्लॉक के विभिन्न गाँवों से आए नरेगा मज़दूरों ने आज स्थानीय लघु सचिवालय के सामने विशाल विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने काम न मिलने और बेरोज़गारी भत्ता न मिलने के ख़िलाफ़ ज़ोरदार आवाज़ उठाई। सभा को संबोधित करते हुए संगठन के अध्यक्ष कामरेड वीर सिंह कामियाना ने कहा कि काम के आवेदनों की रसीद न देना 'नरेगा अधिनियम 2005' का सीधा उल्लंघन है, जो बिल्कुल अस्वीकार्य है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर माँग के अनुसार काम नहीं दिया जाता है, तो हर मज़दूर बेरोज़गारी भत्ते का हक़दार है और उसे भरे गए आवेदन की रसीद ज़रूर लेनी चाहिए। सीपीआई के ज़िला सचिव अशोक कौशल ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि जहाँ परिवार दिवाली की तैयारियों में व्यस्त हैं, वहीं नरेगा मज़दूरों को प्रशासन से कहना पड़ रहा है कि काम शुरू न होने से उनकी दिवाली फीकी और चूल्हे ठंडे हैं।
विरोध रैली को संबोधित करने वालों में कामरेड गुरनाम सिंह सरपंच मनी वाला, बिजली निगम के पेंशनर नेता हरपाल सिंह मचाकी, कुल हिंद किसान सभा के सुखजिंदर सिंह तुम्बरभान, मुख्तियार सिंह भाणा, बोर्ड के बलकार सिंह सहोता, गुरदीप सिंह कमियाना, शिव नाथ दर्दी, नरेगा मेट बीबी परमजीत कौर, लवप्रीत कौर पिपली, अंजू कौर राजोवाला, सुखा सिंह रति रोरी, सुखजीत कौर किला नौ, कोमल कौर मचाकी मल सिंह शामिल थे। नत्था सिंह अराइयांवाला, करमजीत कौर गोलेवाला, सिमरनजीत कौर रूपायन वाला, नेहा कौर, दर्शन सिंह पक्का, गुरविंदर मचाकी, गुरमेल सिंह दागो रोमाना और गुरभेज सिंह दाना रोमाना आदि धरने पर पहुंचे कार्यकारी मजिस्ट्रेट गोयल साहिब ने डिप्टी कमिश्नर फरीदकोट से एक ज्ञापन प्राप्त किया। नेताओं ने सरकार को चेतावनी देते हुए ऐलान किया कि अगर नरेगा मज़दूरों के साथ हो रहे अन्याय को तुरंत नहीं रोका गया तो एक लंबा और बड़ा संघर्ष शुरू किया जाएगा, जिसकी पूरी ज़िम्मेदारी पंजाब सरकार की होगी।