Wednesday, Nov 5, 2025

ईडी ने मनमाना रवैया अपनाया, हरियाणा के पूर्व कांग्रेस विधायक की गिरफ्तारी अवैध: उच्चतम न्यायालय


313 views

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने हरियाणा के पूर्व कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार से लगभग 15 घंटे की पूछताछ के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के रवैये को मनमाना और अमानवीय बताया तथा नेता की गिरफ्तारी को अवैध करार देने वाले आदेश को बरकरार रखा। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि यह ईडी अधिकारियों का अमानवीय आचरण है क्योंकि यह मामला किसी आतंकवादी गतिविधि से संबंधित नहीं है, बल्कि कथित अवैध रेत खनन से संबंधित है। पीठ ने कहा, इस तरह के मामले में लोगों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए। आपने एक व्यक्ति को बयान देने के लिए वस्तुतः मजबूर किया है। पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की याचिका को खारिज करते हुए कहा, हम उच्च न्यायालय के इस निष्कर्ष में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं कि प्रतिवादी की गिरफ्तारी अवैध थी। उसने कहा कि उच्च न्यायालय के निष्कर्ष केवल यह तय करने के लिए थे कि पंवार की गिरफ्तारी अवैध थी या नहीं। पीठ ने दो दिसंबर को अपने आदेश में कहा, ये निष्कर्ष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 की धारा 44 के तहत लंबित शिकायत के गुण-दोष को प्रभावित नहीं करेंगे। अदालत ने कहा कि जांच में ईडी का रवैया चौंकाने वाला है जिसके तहत एक व्यंक्ति को बयान देने के लिए वस्तुतः मजबूर किया गया।


ईडी के वकील जोहेब हुसैन ने कहा कि उच्च न्यायालय ने गलत निष्कर्ष निकाला कि पंवार से लगातार 14 घंटे 40 मिनट तक पूछताछ की गई। उन्होंने पूछताछ के दौरान रात्रि भोजन के ‘ब्रेक’ की ओर इशारा किया। वकील ने कहा कि ईडी ने 2024 के एक परिपत्र में अपने अधिकारियों से पूछताछ के कुछ निश्चित मानक बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने को कहा था कि लोगों से देर रात और तड़के पूछताछ न की जाए। उच्च न्यायालय ने 29 सितंबर, 2024 को कहा था कि गिरफ्तारी के आधार के अनुसार, याचिकाकर्ता के खिलाफ प्राथमिक रूप से आरोप अवैध खनन या अवैध रूप से खनन की गई सामग्री की आपूर्ति से संबंधित हैं। उच्च न्यायालय ने कहा था, खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 (एमएमडीआर अधिनियम) की धारा 21 के तहत अवैध खनन बेशक एक अपराध है लेकिन न तो अवैध खनन’ और न ही एमएमडीआर अधिनियम को पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के साथ संलग्न अनुसूची में शामिल किया गया है। दूसरे शब्दों में, अवैध खनन पीएमएलए के तहत अनुसूचित अपराध नहीं है। इसलिए प्रथम दृष्टया, याचिकाकर्ता पर इस आधार पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता। पंवार (55) को 20 जुलाई, 2024 को तड़के गुरुग्राम में हिरासत में लिया गया और अंबाला में एक विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिसने उन्हें अवैध खनन से जुड़े धन शोधन मामले में 29 जुलाई, 2024 तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।

author

Vinita Kohli

ईडी ने मनमाना रवैया अपनाया, हरियाणा के पूर्व कांग्रेस विधायक की गिरफ्तारी अवैध: उच्चतम न्यायालय

Please Login to comment in the post!

you may also like