Friday, Sep 12, 2025

Haryana News : दो घंटे किसानों से मुख्यमंत्री ने किया संवाद, 13 मांगों पर हुई सकारात्मक चर्चा


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चंडीगढ़ : भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) और मुख्यमंत्री नायब सैनी के बीच दो घंटे किसानों की मांगों को लेकर वार्ता हुई। दो घंटे की मुलाकात के दौरान 13 सूत्रीय एजेंडे पर चढूनी गुट ने सीएम के साथ विस्तार से चर्चा की। किसानों ने केंद्र सरकार द्वारा तीन कृषि कानूनों को दोबारा लाने का विरोध जताया। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निवास पर दोपहर को आरंभ हुई इस वार्ता में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली और प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र पुनिया समेत मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी भी शामिल हुए। किसान प्रतिनिधियों का नेतृत्व भाकियू के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने किया। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम चढूनी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि विपणन (बाजार) पर राष्ट्रीय नीति ढांचा मसौदा प्राइवेट मंडियों को लेकर तैयार किया गया है। हरियाणा के किसान इसके हक में नहीं है, क्योंकि प्राइवेट यार्ड को मंडी मानने से मंडियो में प्रतिस्पर्धा खत्म हो जाएगी। छोटे व्यापारी खत्म होकर केवल बड़े व्यापारी ही बचेंगे।


भाकियू नेताओं ने कहा कि सरकारी एजेंसी हैफेड के भी मायने खत्म हो जाएंगे। मंडियो के पूरे आढ़ती, मुनीम, मजदूर, ट्रांसपोर्टेशन और बारदाना वाले सभी बेरोजगार हो जाएंगे। मंडी में आने वाला राजस्व खत्म हो जाएगा, जिसे ग्रामीण क्षेत्र का विकास रूकेगा और आम लोगों को खाद्य पदार्थ महंगे रेट पर मिलेंगे। इस प्रस्ताव को रद कराने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अपने सुझाव लिखित में 10 जनवरी तक दे दें, ताकि उन्हें केंद्र सरकार के समक्ष स्वीकृति हेतु प्रेषित किया जा सके।  नायब सरकार ने 24 फसलों को एमएसपी पर खरीदने के मुद्दे पर सहमति जताते हुए कानून बनाने की मांग की। वहीं गन्ना की फसल कम होने पर चिंता जताते हुए गन्ना के भाव बढ़ाने की मांग। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि जल्द ही शुगर मिल से डाटा मंगवा कर रिव्यू किया जाएगा, उसके आधार पर आगामी फैसला लेंगे। किसानों ने मंडी में फसल उठान जल्दी करने, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 2021-22 व 2022-23 में सोनीपत के किसानों को मुआवजा देने, हरियाणा के किसानों का उत्तराखंड इकबालपुर (उत्तराखंड) शुगर मिल में 2017-18 का लगभग 34 करोड रुपए गन्ने का पैसा बकाया है जो किसानों को ब्याज सहित दिलवाया जाने की मांग की।



किसानों ने मुख्यमंत्री के समक्ष यह उठाए मुद्दे

किसानों ने मुख्यमंत्री के समक्ष मुद्दा उठाया कि इस बार गन्ने की फसल कम है। चीनी मिलें गन्ना कम होने के कारण आपस में एक, दूसरे का गन्ना खरीद रही हैं। गन्ने का भाव कम होने के कारण इस बार बिजाई कम होने की संभावना है, जिससे अगले साल गन्ने की खेती कम होगी और गन्ने का क्षेत्रफल धान की फसल में बदल जाएगा। गन्ने का भाव 450 रुपये प्रति क्विंटल किया जाना चाहिए। इस मांग पर सीएम ने सभी चीनी मिलों से बात करने का भरोसा दिलाया। किसान क्रेडिट कार्ड व अन्य लोन में किसानों व रकम का बीमा करवाया जाए, ताकि किसान के साथ किसी भी प्रकार की दुर्घटना व अनहोनी के कारण पीछे परिवार को आर्थिक बोझ ना उठाना पड़े। इसका प्रीमियम राज्य सरकार अदा करे। मुख्यमंत्री ने इस मांग का समर्थन करते हुए समस्या के समाधान का भरोसा दिलाया।



मुख्यमंत्री ने कृषि सचिव को दिए निर्देश

किसानों ने मुख्यमंत्री के समक्ष मुद्दा उठाया कि मनरेगा को खेती से जोड़ा जाए, ताकि खेती में मजदूरों की भारी कमी को पूरा किया जा सके। धान के सीजन के दौरान सूखा पडने से सरकार ने प्रति एकड दो हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की थी, लेकिन बहुत से किसानों को अब तक मुआवजा नहीं मिला। किसानों की इस मांग पर मुख्यमंत्री ने कृषि सचिव को जरूरी निर्देश दिए। पिछले काफी समय से सहकारी समितियों में किसानों के नये खाते नहीं बनाए जा रहे हैं। लोन की लिमिट भी काफी समय से नहीं बढ़ाई गई है, परंतु खेती की लागत हर वर्ष बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में सहकारी समितियों के रजिस्टरार को जरूरी निर्देश देने की बात कही।  हरियाणा के किसानों का उत्तराखंड की इकबालपुर शुगर मिल में 2017-18 का लगभग 34 करोड रुपये गन्ने का बकाया है, जो किसानों को ब्याज सहित दिलवाया जाए। इसके अलावा, सरसों, सूरजमुखी और बाजरा की औसतन पैदावार को 10 से 12 किवंटल प्रति एकड़ खरीद में सुनिश्चित किया जाए। इन दोनों मांगों को भी पूरा कराने का भरोसा सीएम ने दिलाया है।




हर मुद्दे पर सकारात्मक माहौल में हुई बातचीत

भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि विभिन्न किसान प्रतिनिधियों के साथ हमारी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात हुई। उन्हें खेती और किसानी को प्रोत्साहित करने तथा समृद्ध करने के लिए कई सुझाव तता मांग पत्र सौंपा। हर मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई। सभी विषयों पर बहुत ही अच्छे और सकारात्मक माहौल में बातचीत हुई है। हर मांग को मुख्यमंत्री ने सुना और उसका समाधान तय किया। बातचीत के बाद हमें लगा कि किसानों की मांगों पर सरकार गंभीर है। 

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Vinita Kohli

Haryana News : दो घंटे किसानों से मुख्यमंत्री ने किया संवाद, 13 मांगों पर हुई सकारात्मक चर्चा

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