- by Super Admin
- Apr, 08, 2024 04:37
चंडीगढ़ : सड़क दुर्घटनाओं में कैशलेस इलाज योजना के क्रियान्वयन में हरियाणा पुलिस देशभर में पहले स्थान पर है। अब तक प्रदेश में 3167 सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में हरियाणा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पीड़ितों को नि:शुल्क कैशलेस इलाज उपलब्ध कराया गया है। यह आंकड़ा देश के किसी भी राज्य से अधिक है। ई-डीएआर और टीएमसी जैसे उन्नत तकनीकी प्लेटफॉर्म के माध्यम से केस को न केवल रिकॉर्ड समय में अपलोड और अप्रूव किया गया तथा सरकारी फंड से इलाज को कवर किया गया है। पहली अक्टूबर 2024 को निशुल्क कैशलेस इलाज योजना को लागू किया और हरियाणा इसे लागू करने में आदर्श मॉडल बन चुका है। हरियाणा पुलिस की तत्परता, तकनीकी दक्षता और मानवीय संवेदनशीलता का परिणाम है जिसने इस योजना को धरातल पर उतारते हुए इसे एक सशक्त, संवेदनशील और प्रभावशाली राहत तंत्र के रूप में साकार कर दिखाया। हरियाणा पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने इस असाधारण उपलब्धि पर ट्रैफिक एवं हाईवे विंग टीम की कार्य की सराहना करते हुए कहा कि यह योजना जनसेवा, सुशासन और उत्तरदायित्व का उत्कृष्ट उदाहरण है और आशा जताई कि इसी तरह की समर्पित कार्यशैली और नागरिक-केन्द्रित दृष्टिकोण भविष्य में भी जारी रहेगा।
मजबूत निगरानी ढांचा – 6 घंटे में केस अप्रूवल की मिसाल
हर जिले में डीएसपी और एसीपी स्तर के अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में तैनात किया गया है, जो 24x7 सक्रिय जिला सड़क सुरक्षा सेल की अगुवाई करते हैं। दुर्घटना की सूचना मिलते ही महज़ 6 घंटे के भीतर केस की डिजिटल प्रोसेसिंग और अप्रूवल सुनिश्चित की जाती है। एक राज्यव्यापी समर्पित व्हाट्सएप नेटवर्क के ज़रिए सभी मामलों की रीयल टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है — यह एक अनूठा प्रशासनिक प्रयोग है जो अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय है। हरियाणा देश का पहला राज्य बना जिसने सीसीटीएनएस को ई-डीएआर से सफलतापूर्वक जोड़ा। इस समन्वय से दुर्घटनाओं से जुड़ा डेटा रीयल टाइम में स्वतः ट्रांसफर होकर रिपोर्टिंग और जांच की गति को कई गुना तेज़ कर रहा है।
112 और 108 का आपातकालीन गठजोड़
हरियाणा में 112 आपात सेवा और 108 एम्बुलेंस सेवा को आपस में जोड़कर एक रिस्पॉन्स इंटीग्रेशन मॉडल तैयार किया गया है। दुर्घटना की सूचना मिलते ही पुलिस, एम्बुलेंस और संबंधित थानों को एकसाथ सक्रिय किया जाता है, जिससे पीड़ितों को मिनटों में अस्पताल पहुंचाने की सुविधा सुनिश्चित होती है। इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन में हरियाणा पुलिस ने केवल एक प्रशासनिक एजेंसी की भूमिका नहीं निभाई, बल्कि एक संवेदनशील और मानवीय प्रहरी के रूप में अपनी भूमिका को और भी सशक्त किया है। राज्य के 1228 अस्पताल योजना में पंजीकृत हैं, जिससे सुनिश्चित हुआ है कि हर दुर्घटना पीड़ित को बिना देरी के उचित उपचार मिल सके।
हरियाणा बना राष्ट्रीय उदाहरण – अब अन्य राज्य भी ले रहे सीख
हरियाणा की 3167 मामलों में सफलता, तकनीकी दक्षता, प्रशासनिक सजगता, और जनमानस से जुड़ाव ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोच्च स्थान दिलाया है। अब देश के अन्य राज्य भी इस मॉडल को अपनाने की दिशा में तेजी से कार्य कर रहे हैं। यह सफलता न केवल हरियाणा पुलिस की क्षमता और करुणा की पहचान है।